डेबिट कार्ड चोरी कर पत्नी को दिलाई 1.03 लाख की ज्वेलरी, गिरफ्तार
संवाद सहयोगी डबवाली(सिरसा) डेबिट कार्ड चोरी कर शॉपिंग के मामले में पुलिस ने करनाल निव
संवाद सहयोगी, डबवाली(सिरसा) : डेबिट कार्ड चोरी कर शॉपिंग के मामले में पुलिस ने करनाल निवासी दंपती को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपित प्रीतपाल सिंह को अदालत से दो दिन के रिमांड पर लिया। रिमांड के दौरान उससे एक लाख रुपये की रिकवरी कर ली गई, जबकि डेबिट कार्ड नहीं मिला। पुलिस ने आरोपित को बुधवार को फिर से अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
दरअसल, करनाल के सेक्टर 6 स्थित हाउसिग कालोनी के मकान नंबर 1489 निवासी प्रीतपाल सिंह (48) कमीशन पर मलेशिया की एयर टिकट बेचता है। डबवाली में कार्यालय खोलने के लिए अक्टूबर माह में वह बठिडा चौक आया था। 18 अक्टूबर को उसने दीपक टायर शोरूम के ऊपर बना मकान 10 हजार रुपये प्रतिमाह किराये पर ले लिया। उक्त मकान में उसे पूर्व में रह रहे डबवाली निवासी संजीव कुमार की पत्नी मंजू के नाम आइसीआइसीआइ बैंक से जारी डेबिट कार्ड और उसके पिन नंबर वाला मिला। मगर प्रीतपाल ने उसे लौटाने की बजाय अपने पास रख लिया। इसके बाद वह 21 अक्टूबर को करनाल वापस चला गया। 22 अक्टूबर को उसने पत्नी हरप्रीत कौर के साथ एटीएम से 50 हजार रुपये निकाल लिए। इसके बाद करनाल के गोयल ज्वेलर्स पर जाकर पत्नी को 1.03 लाख रुपये के ज्वेलरी दिलाई। इसकी पेमेंट प्रीतपाल ने उक्त डेबिट कार्ड से ही किया। एक लाख की शॉपिग संबंधी मैसेज जब संजीव कुमार के फोन पर आया तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई। उसने शहर थाना पुलिस में शिकायत देकर केस दर्ज करवा दिया। पुलिस ने करनाल के गोयल ज्वेलर्स पर जाकर पूछताछ की तो प्रीतपाल का नाम सामने आया। गत दिवस पुलिस ने प्रीतपाल और उसकी पत्नी हरप्रीत कौर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। अदालत ने हरप्रीत कौर को तो जेल भेज दिया, जबकि प्रीतपाल को दो दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। रिमांड के दौरान पुलिस ने प्रीतपाल से एक लाख रुपये की रिकवरी कर ली, जबकि डेबिट कार्ड को आरोपित ने कहीं फेंक दिया था। बुधवार को रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद प्रीतपाल को पुन: अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए। तीन साल तक लिफाफे में बंद रहा डेबिट कार्ड
पुलिस के अनुसार उक्त डेबिट कार्ड वर्ष 2016 में जारी हुआ था। संजीव कुमार और उसकी पत्नी मंजू ने डेबिट कार्ड का लिफाफा तक नहीं खोला था। अकाउंट में करीब साढ़े 8 लाख रुपये थे। पुलिस के अनुसार मैसेज अलर्ट न मिलता तो आरोपित की पहचान करना बहुत मुश्किल कार्य था। एक्सपर्ट व्यू
इस बारे में एक बैंक के अधिकारी ने बताया कि यदि ग्राहक के अकाउंट से ट्रांजेक्शन होती रहे तो डेबिट कार्ड बंद अथवा ब्लॉक नहीं होता, चाहे वह इस्तेमाल हो या न हो। इसी वजह से तीन साल पहले जारी हुए कार्ड का उपयोग कर प्रीतपाल उक्त शॉपिंग कर सका।