सस्ता प्लाट दिलाने का झांसा देकर सिचाई विभाग के एसडीओ से ठगे 10 लाख
सिचाई विभाग में एसडीओ रहे हिसार निवासी व्यक्ति को एचएसवीपी सेक्टर
जागरण संवाददाता, सिरसा : सिचाई विभाग में एसडीओ रहे हिसार निवासी व्यक्ति को एचएसवीपी सेक्टर 20 के पार्ट तीन में प्लाट दिलवाने का झांसा देकर 10 लाख रुपये ठग लिये। इस मामले में पीड़ित रविद्र ढाका ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने भूप सिंह निवासी सेक्टर 20 तथा जूनियर लेक्चरार सतपाल निवासी एमआइटीसी कालोनी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में हिसार निवासी रविद्र ढाका ने बताया कि वह वर्ष 2006 से 2013 तक सिचाई विभाग में उपमंडलाधिकारी के पद पर तैनात था। यहां उसके कार्यालय में आरोपित भूप सिंह व सतपाल अक्सर आते थे। वह उस समय प्रॉपर्टी डीलिग का काम करते थे। उक्त लोगों ने उसे प्रॉपर्टी में निवेश करने को कहा, जिस पर उसने कहा कि कोई अच्छा सौदा हो तो बता देना। रविद्र ढाका ने बताया कि अप्रैल 2011 में आरोपितों ने उसे सेक्टर 20 पार्ट थ्री में 14 मरले का प्लाट दिखाया। आरोपितों ने कहा कि उक्त प्लाट के मालिक को रुपयों की जरूरत है। प्लाट करीब 25 लाख रुपये का है परंतु 15 लाख तक में सौदा हो जाएगा। रविद्र ने बताया कि उसने अपने साले राघवेंद्र निवासी गांव खोखा जिला हिसार के साथ मिलकर प्लाट लेना तय कर लिया। 11 अप्रैल 2011 को उन्होंने आरोपित भूप व सतपाल को 10 लाख रुपये दे दिए और शेष रुपयों का इंतजाम महीने के अंत तक करने की बात की।
रविद्र ढाका ने बताया कि रुपयों की लिखा पढ़ी को कहा तो आरोपितों ने कहा कि प्लाट मालिक उनका भरोसे का है। इसी महीने पांच लाख रुपये का इंतजाम होते ही रजिस्ट्री करवा देंगे। इसके बाद 24 अप्रैल को रुपयों का इंतजाम होने के बाद जब उसने आरोपितों को रजिस्ट्री करवाने को कहा तो वे टालते रहे। रुपये लेने के लिए चार बार पंचायतें भी हुई। आरोपित पंचायतों में कुछ समय में दस लाख रुपये वापस देने को कहते रहे। इसके बाद 14 अप्रैल 2019 को जब वह तथा उसका साला राघवेंद्र आरोपितों के घर गए और रुपये मांगे तो उन्होंने कहा कि उन्होंने तो उसे बेवकूफ बनाना था और रुपये ठगने थे। आरोपित भूप सिंह ने कहा कि न तो उसने कोई प्लाट दिलवाना और न ही रुपये वापस देने। इस मामले में उन्होंने 15 अप्रैल 2019 को सिविल लाइन थाना में शिकायत दी, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मामले की जांच करते हुए इक्नोमिक्स सेल के इएसआइ धर्मवीर सिंह ने जांच करते हुए आरोपितों के खिलाफ अभियोग दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।