युवा बोले मुद्दों पर विचार रखें प्रत्याशी, पार्ट टाइम राजनीति करने वाले नहीं पसंद
विधानसभा चुनाव में 10 दिन से भी कम समय रह गया है। घर चौक-चौराहों आदि पर लोग आपस में सियासी चर्चाएं कर रहे हैं। कालेजों में कैंटीन पार्क क्लास रूम में छात्र-छात्राएं प्रदेश के हित के लिए सही प्रत्याशी चुनने पर विचार-विमर्श करना शुरू कर चुके हैं। प्रदेश के ए-प्लस ग्रेड महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) परिसर में भी इन दिनों चुनावी चर्चाएं हो रही हैं। विद्यार्थी चुनावी मुद्दों पर अपने विचार रखने के साथ ही दूसरों को भी वोट डालने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रोहतक :
विधानसभा चुनाव में 10 दिन से भी कम समय रह गया है। घर, चौक-चौराहों आदि पर लोग आपस में सियासी चर्चाएं कर रहे हैं। कालेजों में कैंटीन, पार्क, क्लास रूम में छात्र-छात्राएं प्रदेश के हित के लिए सही प्रत्याशी चुनने पर विचार-विमर्श करना शुरू कर चुके हैं। प्रदेश के ए-प्लस ग्रेड महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) परिसर में भी इन दिनों चुनावी चर्चाएं हो रही हैं। विद्यार्थी चुनावी मुद्दों पर अपने विचार रखने के साथ ही दूसरों को भी वोट डालने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
दैनिक जागरण संवाददाता ने एमडीयू के विद्यार्थियों से उनकी राजनीतिक सोच व मुद्दों पर राय जानी। चर्चा में सामने आया कि युवा वर्ग चुनाव में आम नागरिक की भागीदारी सबसे अहम मानता है। पढ़े-लिखे युवा क्षेत्रवाद, जाति की राजनीति से ऊपर उठ मुद्दों की राजनीति पसंद करता है। लोक-लुभावने वादों से युवाओं के वोट हासिल करना आसान नहीं रहने वाला है। मुद्दों की समझ और समस्याओं के समाधान सुझाने वाले प्रत्याशी की ओर युवाओं को आकर्षण ज्यादा है। एमडीयू के छात्र व किसान परिवार से संबद्ध अमरजीत ने कहा कि उनका गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है। शहर को जोड़ने वाली मुख्य सड़क टूटी पड़ी है। खेल परिसर जर्जर है। वहीं पीने के पानी की स्थिति गंभीर है। छात्र आर्यन घनघस ने कहा कि सिर्फ सरकार चुनने के लिए नहीं बल्कि समस्याओं के समाधान के लिए भी चुनाव में भागीदारी जरूरी है। ईमानदार प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने से अच्छा काम हो सकता है। बेरोजगारी व शिक्षा अहम मुद्दे
छात्र व युवा कवि विवेक ने कहा कि चुनाव में अवसरवादी लोग सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे लोगों से आम नागरिक के साथ ही राजनीतिक दलों को भी बचना चाहिए। राजनीति को पार्ट टाइम के लिए इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों को बाहर का रास्ता दिखाना जरूरी है। साथ ही अधिक संख्या में वोटिग होना भी जरूरी है। छात्र व प्राइवेट कोचिग संस्थान में अध्यापन कर रहे सुमित गिल कि युवाओं के लिए बेरोजगारी और शिक्षा अहम मुद्दे है। प्रत्याशियों को अपने भाषणों में इन दो मुद्दों पर जरूर विचार साझा करने चाहिए। सोशल मीडिया लिटरेसी जरूरी
छात्र व प्राइवेट कोचिग संस्थान में अध्यापन कर रहे दीपक ने कहा कि राजनीतिक दल इंटरनेट का प्रयोग मतदाताओं की सोच को अपने पक्ष में ढालने के लिए कर रहे हैं। जिससे मुद्दों की राजनीतिक की बजाए भावुकता हावी हो जाती है। इलेक्शन कमीशन को इस ओर महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। मतदाताओं के लिए सोशल मीडिया लिटरेसी के कार्यक्रम कराए जाने चाहिए।