कौन-सा हाईवे कितना सुविधाजनक, अब होगी रेटिग तय
कौन-सा हाईवे सुविधाओं के मामले में किस पायदान पर है अब इसकी रेटिग तय की जाएगी। एनएचएआइ ने हाईवे की रेटिग तय करने के लिए विभिन्न बिदुओं पर सभी टोल प्लाजा से जानकारी मांगी है।
विनीत तोमर, रोहतक
देशभर में कौन-सा हाईवे सुविधाओं के मामले में किस पायदान पर है अब इसकी रेटिग तय की जाएगी। (एनएचएआइ) नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हाईवे की रेटिग तय करने के लिए विभिन्न बिदुओं पर सभी टोल प्लाजा से जानकारी मांगी है। हाईवे सेफ्टी से लेकर हाईवे एफेसेंसी और यूजर सर्विस आदि को ध्यान में रखते हुए बिदुवार जानकारी प्रोफोर्मा में भरकर भेजना होगा। जिसके बाद मौका मुआयना किया हाईवे की रेटिग तय की जाएगी।
फिलहाल में हरियाणा की बात करें तो यहां पर 14 हाईवे हैं। इसमें सबसे अधिक लंबा हाईवे दिल्ली से रोहतक, हांसी, हिसार, सिरसा और पंजाब सीमा तक पहुंचा है, जिसकी लंबाई करीब 313 किलोमीटर है। दूसरे नंबर पर अंबाला से कैथल, हिसार, सिवानी और राजस्थान सीमा तक पहुंचता है। इस हाईवे की लंबाई 240 किलोमीटर है। जबकि सबसे छोटा हाईवे अंबाला से पंचकूला, पिजौर और कालका हिमाचल प्रदेश की सीमा तक है। इसकी लंबाई मात्र 30 किलोमीटर है। इसके अलावा भी कई अन्य हाईवे है। दरअसल, काफी समय से यह पता करने का प्रयास किया जा रहा था कि सुविधाओं और मानकों के मामले में कौन-सा हाईवे बेहतर है और कौन-से हाईवे पर क्या कमी है। इसका पता करने के लिए अब एनएचएआइ ने कोरिडोर रेटिग नाम से इसे शुरू किया जिसमें अलग-अलग बिदुओं पर जानकारी मांगी गई है।
इन तीन बिदुओं पर देनी होगी जानकारी
- हाईवे सेफ्टी : इसमें देना होगा कि हाईवे पर हादसे की दर क्या है, एंबुलेंस रिस्पॉस टीम, फुटपाथ, क्रैस बैरियर है या नहीं और यदि कोई हादसा हो जाए तो रोड को क्लीयर करने में कितना समय लगता है। इसके अलावा भी कई अन्य बिदुओं पर जानकारी देनी होगी।
- हाईवे एफेसेंसी : इसमें मांगा गया है कि हाईवे पर वाहन कितनी स्पीड से निकल सकते हैं। टोल पर कितना समय लगता है, वाहनों को ज्यादा देर खड़ा रहना पड़ता है या नहीं, सर्विस रोड है या नहीं और ट्रैफिक वॉल्यूम क्या है।
- यूजर सर्विस : इसमें बताना होगा कि हाईवे पर खाने-पीने की क्या सुविधा है, स्पीड ब्रेकर है या नहीं, मोटर व्हीकल वर्कशॉप है या नहीं, शौचालय है या नहीं और प्लांटेशन व सफाई की क्या स्थिति है। 100 नंबर से तय होगी रेटिग
टोल प्लाजा के अधिकारियों के अनुसार एनएचएआइ ने जिन बिदुओं पर जानकारी मांगी है उसका प्रोफोर्मा भरकर भेजा जाएगा। इसके बाद 100 नंबरों के आधार पर रेटिग तय होगी। एनएचएआइ के अधिकारी निरीक्षण करेंगे और फिर 100 नंबरों में से रेटिग तय करेंगे। जिसे जितने ज्यादा नंबर मिलेंगे उसकी रेटिग उतनी ही अच्छी होगी।