किसानों के अरमानों पर बरसात ने फेरा पानी, मंडी में रखा गेहूं भीगा
जागरण संवाददाता रोहतक मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसानों के अरमानों पर बुधवार क
जागरण संवाददाता, रोहतक :
मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसानों के अरमानों पर बुधवार को बरसात ने पानी फेर दिया है। अचानक बरसात के चलते मंडी में कहीं कहीं दो से चार इंच तक पानी ठहर गया और वहां रखा गेहूं भीग गया। हालांकि किसानों और आढ़तियों ने फसल बचाने का प्रयास भी किया लेकिन बरसात तेज होने के चलते कामयाब नहीं हो सके। मंडी में गेहूं भीगने का कारण यहां इस साल शेड का अभाव बताया गया है। किसानों का कहना है कि मंडी में इस सीजन में केवल दो ही शेड है, जबकि पिछले साल पांच शेड थे। ऐसे में पर्याप्त शेड न होने से ज्यादातर गेहूं खुले में ही रखा हुआ है। उधर, अधिकारियों की मानें तो मंडी में दो शेड तैयार हैं जबकि तीन अन्य का निर्माण चल रहा है। जिनका बेस तैयार किया जा चुका है। लेकिन शेड लगाने में अभी समय लगेगा। उनका दावा है कि मंडी किसानों का गेहूं नहीं भीगा है। यहां आने पर फसल के बचाव की जिम्मेदारी आढ़ती की है और ज्यादातर आढ़तियों ही गेहूं भीगा है।
दूसरी ओर, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार बुधवार को रोहतक में दो एमएम बरसात दर्ज की गई है। गेहूं की फसल के लिए यह अधिक नहीं है। हालांकि कृषि अधिकारियों का कहना है कि खेतों में खड़ी फसल को अधिक नुकसान रोहतक में नहीं है। लेकिन मंडी में कहीं कहीं पानी भरने से गेहूं भीग गया है। मंडी में 250 क्विटल गेहूं लेकर दोपहर बाद पहुंचे थे। जिसके कुछ समय बाद ही तेज हवाएं चलने लगी और आसमान में घन बादल छा गए। तेज हवाओं से गेहूं को बचाने के लिए लेबर को बुलाया लेकिन कुछ समय बाद ही गर्जना के साथ बरसात भी होने लगी। गेहूं खुले में रखा था और तिरपाल भी नहीं मिला। जिससे उनका गेहूं भीग गया है और उनके जैसे अनेक किसानों की अरमानों पर पानी फिर गया। गेहूं सुखाने के लिए अब मंडी में ही ठहरना पड़ेगा।
- चंद्रपाल, किसान मकड़ौली । मंडी में चार दिन से 20 क्विटल सरसों लेकर पहुंच रहे हैं। रोजाना उनकी सरसों में नमी बता दी जा रही है और सरसों की सरकारी खरीद नहीं हो रही है। जिससे मायूसी मिली है। बुधवार को भी सरसों लेकर अनाज मंडी में पहुंचे तो अचानक मौसम में परिवर्तन हो गया और तेज हवाओं के बाद बारिश हो गई। हालांकि आढ़ती की ओर से तिरपाल मुहैया करा दिया गया। जिसके चलते उनकी सरसों भीगने से बच गई। लेकिन नमी बढ़ गई है।
- मुकेश, किसान मकडौली । आढ़तियों के पास जो तिरपाल थे उनसे किसानों के गेहूं का ढक दिया गया था लेकिन मंडी में गेहूं की आवक अधिक हुई है, जिसके चलते तिरपाल कम पड़ गए हैं। वहीं, मंडी में इस सीजन में शेड भी कम हो गए हैं। जिसके कारण गेहूं भीग गया। सरकार को पहले ही शेड बनाने चाहिए थे।
- डिपल बुधवार, प्रधान, अनाज मंडी एसोसिएशन, रोहतक । मंडी में आने वाले किसानों की फसल को मौसम से बचाने के लिए आढ़तियों को तिरपाल आदि की व्यवस्था रखने के लिए पहले से ही निर्देश दिए हुए हैं। हालांकि बारिश से बचाव के प्रबंध किए गए लेकिन अचानक तेज बारिश से गेहूं भीग गया है। गेहूं कितना भीगा है, इसका पता लगाया जाएगा। गेहूं भीगने से अब सरकारी खरीद में भी देरी हो सकती है।
- दीपक लोहचब, मार्केट कमेटी सचिव, रोहतक।