मुद्दों पर दें वोट, देश का भला मतदाता के विवेक से जुड़ा
जागरण संवाददाता रोहतक सरकारें योजनाएं तो लाती हैं लेकिन उन्हें सही से लागू नहीं क
जागरण संवाददाता, रोहतक :
सरकारें योजनाएं तो लाती हैं, लेकिन उन्हें सही से लागू नहीं कर पाती हैं। देश को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो जमीनी स्तर पर काम करें। बड़े वादों की जगह जरूरी मुद्दों पर काम करें। किसानों की समस्याएं साल दर साल बढ़ रही हैं। मामूली रकम पर खेती लायक जमीनों को खरीद शहरीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। बेरोजगारी अपने चरम पर है। महिला सुरक्षा की स्थिति आज भी नहीं सुधरी है। मतदाताओं को भी अपने अधिकार जानने की जरूरत है। पांच सालों में यहीं एक ऐसा समय होता है जब शक्ति जनता के हाथों में होती है। समाज और देश का भला मतदाताओं के विवेक से जुड़ा होता है।
दैनिक जागरण की ओर से आयोजित पाठक पैनल कार्यक्रम में प्रबुद्ध लोगों ने अपने विचार रखे। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी चर्चा की गई। लोगों से चुनाव के मुद्दों पर राय जानी गई। पैनल में शामिल लोकहित संस्था के संस्थापक चंचल नांदल ने कहा कि प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है। रोजगार के अभाव में युवा निराश है। लॉॅ विद्यार्थी और किसान अमरजीत ने कहा कि किसानों की हालत बदतर है। उन्हें फसलों के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। साथ ही फसलों को बेचने में भी बहुत परेशानी हो रही है। एडवोकेट हिमांशु ने कहा कि सरकार लागू की गई योजनाओं की ठीक से देखरेख नहीं करती है। इस वजह से जनता के कार्य नहीं हो पाते हैं। उन्होंने कहा कि देश की संस्थाओं को मजबूत किए जाने की भी जरूरत है। छात्रा रुस्तम ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए उठाए कदम नाकाफी हैं। नौकरियों में पारदर्शिता लाने वाले प्रत्याशी को वोट देने के पक्ष में हूं। देश के असली मुद्दे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य व कृषि है। युवाओं से भी यही अपील है कि वह सही मुद्दों को ध्यान में रखते हुए वोट डालें।
- चंचल नांदल, समाजसेवी न्याय प्रणाली में सुधार करने वाली सरकार चुनी जानी चाहिए। न्याय बहुत देरी से मिल पाता है। लोगों को सोच-समझ कर सबसे उपयुक्त प्रत्याशी को वोट देना चाहिए। नोटा का विकल्प गलत है। देश को चलाने के लिए सांसद का चुना जाना अनिवार्य है।
- हिमांशु, एडवोकेट मैं एक किसान परिवार से आता हूं। किसानों की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं। कर्जमाफी एक अस्थाई समाधान है। किसान का बेटा किसान नहीं बनना चाहता है। किसानों के हित की बात करने वाले प्रत्याशी को वोट दूंगा।
- अमरजीत, छात्र युवाओं की सबसे बड़ी समस्या नौकरी है। नौकरी की तलाश में शहर दर शहर भटकना पड़ता है। अगर अपने ही राज्य में नौकरी मिल जाए तो बहुत सी समस्याएं हल हो जाएंगी। युवाओं के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए वोट दूंगी।
- रुस्तम, छात्रा मेरा मानना है कि लोगों को स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट देना चाहिए। लोग नेताओं के फैन बन रहे हैं। जोकि लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। मैं वोट डालने से पहले सभी पार्टियों के घोषणापत्रों की पड़ताल करूंगी।
- श्रुति, छात्रा लोक लुभावने वादों से देश का भला नहीं होने वाला। लोगों को नेताओं के इस चंगुल से बचने की जरूरत है। वोट डालने के लिए चुनाव के समय की जाने वाली घोषणाओं का विश्लेषण किया जाना चाहिए।
- अश्वनी, छात्र चुनाव के समय जाति-धर्म के नाम पर सामाजिक ढांचा बिगाड़ने का काम किया जाता है। मतदाता भी इन सबमे उलझ जाते हैं। चुनाव मुद्दाविहीन हो जाता है। वोट तो मुद्दों पर ही देना चाहिए।
- पूजा सांवरिया, छात्रा वोट डालने के लिए प्रत्याशी की छवि जानना बहुत जरूरी है। पढ़ा-लिखा प्रत्याशी संसद में जनता की आवाज को सही से रख सकता है। सांसद सही हो तो अपने क्षेत्र के विकास में तेजी ला सकता है।
- बिट्टू, नौकरीपेशा