गौरव की तलाश में विजयंता टैंक मगर अधिकारी अभी नींद में हैं
जागरण संवाददाता, रोहतक : पाकिस्तान के साथ 1965 और 1971 के युद्धों में दुश्मनों को धूल चटाकर
जागरण संवाददाता, रोहतक : पाकिस्तान के साथ 1965 और 1971 के युद्धों में दुश्मनों को धूल चटाकर जीत दिलाने वाला विजयंता टैंक इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।
यहां राजीव गांधी स्टेडियम में करीब 12 साल से रखे इस टैंक के पुर्जे भी अब गायब होने लगे हैं। लेकिन अधिकारी बेखबर हैं। ऐसे में देश का गौरव बढ़ाने वाले टैंक की सुध लेने वाला कोई भी नहीं है। उधर, टैंक की ऐसी हालत होने पर पूर्व सैनिकों में रोष बना हुआ है। हालांकि इस टैंक को लेकर पहले भी मामला उठा था लेकिन उसके बावजूद अधिकारियों ने इसकी मरम्मत की जहमत नहीं उठाई है। अपना गौरव वापस मांग रहे विजयंता टैंक के चारों तरफ इन दिनों बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी हुई हैं। इसका रंग पेंट गायब हो रहा है और यह लावारिस हालत में नजर आ रहा है। जानकारों की मानें तो सेना से दो साल तक सिफारिश करने के बाद यह टैंक मिल पाया था।
वर्ष 2007 में तीन टैंक हिसार से रोहतक लाए गए थे, जिनमें से दो टैंक राज्य स्तरीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं जबकि एक टैंक तभी से राजीव गांधी स्टेडियम में रखा हुआ है। विजयंता टैंक भारत का गौरव है। लेकिन यहां राजीव गांधी स्टेडियम में रखा यह टैंक बदहाल हो रहा है। इसको उचित स्थान पर रखने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से पहले भी मिले थे। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसकी मरम्मत व पेंट आदि की मांग फिर से उठाई जाएगी।
-कैप्टन, जगबीर मलिक, पूर्व प्रवक्ता, हरियाणा पूर्व सैनिक संघ।