गरीब रथ में लूट के आरोपित तीन माह बाद भी जीआरपी की पकड़ से दूर
रोहतक गरीब रथ ट्रेन में हुई लूट के मामले में अभी तक जीआरपी को कोइ
जागरण संवाददाता, रोहतक : गरीब रथ ट्रेन में हुई लूट के मामले में अभी तक जीआरपी को कोई सुराग नहीं लग सका है। साढ़े तीन माह बाद भी स्थिति यह है कि घटना में शामिल लुटेरे मानो अदृश्य हो गए हैं। अभी तक जीआरपी, आरपीएफ और सीआइए की कुल छह टीमों को इस संबंध में कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है। इसके चलते अभी तक जीआरपी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।
23 जनवरी 2019 की अलसुबह करीब 3.10 बजे गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन में मकड़ोली हॉल्ट के पास यात्रियों से लूटपाट की गई थी। लुटेरों ने चेनपुलिग कर लूट की घटना को अंजाम दिया था और फरार हो गए थे। सूचना पर जीआरपी एसपी ने टीम के साथ मौके का निरीक्षण करते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमों का गठन किया था। घटना को करीब साढ़े तीन माह बीतने चुके हैं, लेकिन अभी तक आरोपितों के बारे में कोई सुराग नहीं लग सका है। जबकि गठित की गई टीमों ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों के दर्जनों जिलों में आरोपितों की तलाश के लिए दबिश दी थी। इसके बाद भी आरोपितों का कोई सुराग न लगना जीआरपी और गठित की गई टीमों की नाकामी को बयां कर रहा है। हर बार अधिकारी केवल यही दावा कर रहे हैं कि जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन अभी तक नतीजा शून्य ही रहा है। अधिकारियों ने ठंडे बस्ते में डाला मामला
दावा किया जा रहा है कि साढे तीन माह में लूट के आरोपितों का कोई सुराग न मिलने पर अब अधिकारियों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। इसके चलते अब टीमों ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश देनी भी बंद कर दी हैं। जिसके चलते संभव है कि आरोपित फिर से लूट की घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।
आरोपितों को पकड़ने के लिए प्रयास लगातार जारी हैं। अभी तक आरोपितों के बारे में कोई ठोस सुराग नहीं लग सका है। लुटेरों की गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
स्नेही राज, एसएचओ जीआरपी
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