प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देगा ये सरकारी विद्यालय
सुविधाओं के मामले में भले ही प्राइवेट स्कूलों को अव्वल माना जाता हो लेकिन रोहतक का एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है जो प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने का दम रखता है। यहां हम बात कर रही है गांधी नगर स्थित राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय की।
रतन चंदेल, रोहतक : सुविधाओं के मामले में भले ही प्राइवेट स्कूलों को अव्वल माना जाता हो लेकिन रोहतक का एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है, जो प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने का दम रखता है। यहां हम बात कर रही है गांधी नगर स्थित राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय की। जहां विद्यार्थियों को नए शैक्षणिक सत्र में पहली कक्षा से ही डिजिटल तरीके से पढ़ाया जाएगा। इस स्कूल में डिजिटल बोर्ड लगाया गया है। इसके लिए शिक्षकों को भी प्रशिक्षण किया जा चुका है। स्कूलों में कक्षा कक्षाओं की दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग्स कराई गई हैं। इनसे कक्षा की पढ़ाई के साथ साथ बच्चों का सामान्य ज्ञान भी बढ़ेगा। विद्यार्थियों को साइंस और मैथ में दक्ष बनाने के लिए यहां साइंस व मैथ की किट भी मंगाई गई है। जिनका प्रयोग नए शैक्षणिक सत्र में किया जाएगा। वहीं, स्कूल में वाटर कूलर, खेल मैदान व बिजली आदि की भी सुविधाएं हैं। स्कूल में नए सत्र के लिए 100 बैंच की मांग भी की गई है, ताकि सभी विद्यार्थियों बैंच पर पढ़ाई कर सकें। यहां एजुसैट से भी पढ़ाई कराई जाती है। लड़के व लड़कियों के लिए अलग अलग शौचालय हैं। हैंडवाश के लिए नल भी लगाए गए हैं। स्कूल में ही खेल मैदान की भी सुविधा है। इस स्कूल में मुख्य शिक्षक सहित पांच शिक्षक हैं, जबकि 184 विद्यार्थी हैं। विद्यार्थियों की संख्या नए सत्र में बढ़ने की संभावना है। अभिभावकों ने भी इस सरकारी स्कूल में सुविधाएं बढ़ने की सराहना की है। इस सरकारी स्कूल में सुविधाएं बढ़ाया जाना सराहनीय है। सभी सरकारी स्कूलों में इस तरह की सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए और शिक्षक भी पर्याप्त रहें तो सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहतर होगा। वहीं, सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी।
- यशवंत सिंह, प्रधान, अभिभावक संघ, रोहतक । स्कूल में विद्यार्थियों को अत्याधुनिक संसाधनों से पढ़ाई कराए जाने पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए डिजिटल बोर्ड लगाया गया है। वहीं, स्कूल में कक्षों की दीवारों पर आकर्षक पेंटिग्स बनाई गई हैं। बिना स्कूल बैग के भी विद्यार्थी यहां पढ़ाई कर सकते हैं।
- राज सिंह, मुख्य शिक्षक, राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय, गांधी नगर।