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कहीं ईंट लगीं नहीं और धानक चौपाल के लिए 14 लाख का हो गया भुगतान!

नगर निगम के एक पार्षद ने फिर से अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा के पार्षद ने मेयर को पत्र लिखकर दावा किया है कि उनके वार्ड में धानक चौपाल के निर्माण के लिए एक ईंट तक नहीं लगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 06:47 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 06:47 AM (IST)
कहीं ईंट लगीं नहीं और धानक चौपाल के लिए 14 लाख का हो गया भुगतान!
कहीं ईंट लगीं नहीं और धानक चौपाल के लिए 14 लाख का हो गया भुगतान!

अरुण शर्मा, रोहतक

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नगर निगम के एक पार्षद ने फिर से अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा के पार्षद ने मेयर को पत्र लिखकर दावा किया है कि उनके वार्ड में धानक चौपाल के निर्माण के लिए एक ईंट तक नहीं लगी। जबकि 14.15 लाख रुपये का भुगतान एक ठेकेदार को कर दिया। इसी तरह से वार्ड-1 से वार्ड-6 तक मुख्यमंत्री घोषणा के तहत 3.66 करोड़ रुपये खर्च होने का ब्योरा दिया गया है। वार्ड-4 में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। फिर इस रकम का भुगतान कहां हुआ। पूरे प्रकरण में अधिकारियों की कार्यशैली और संलिप्तता पर सवाल उठाए हैं। यह भी मांग की है कि जो भी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ एक्शन हो।

वार्ड-4 के भाजपा पार्षद धर्मेंद्र गुलिया पप्पन ने मेयर मनमोहन गोयल को तीन पत्र लिखे हैं। इन तीनों ही पत्रों में अलग-अलग मामले रखते हुए घपलों के आरोप लगाए हैं। पहले पत्र में आरोप लगाए हैं कि मेरे वार्ड में शौरा कोठी स्थित धानक चौपाल का निर्माण होना था। यहां कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ, फिर भी अधिकारियों ने एक ठेकेदार को भुगतान कर दिया है। इसी तरह से मुख्यमंत्री मनोहरलाल की घोषणा के तहत मेरे वार्ड में काम नहीं हुए और अधिकारियों ने वार्ड-1 से वार्ड-6 तक में विकास कार्य होने का ब्योरा पेश कर दिया। माता दरवाजा स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर के निकट वाले सरोवर तक में एक रुपये का भी काम नहीं हुआ। वहीं, वार्ड-4 के साथ ही मेस्टिक लेयर की सड़कें उखड़ने के आरोप भी लगाए हैं। यह भी दावा किया है कि मेरे वार्ड में तो महज तीन माह बाद ही सड़क उखड़ गई, जबकि हमें आश्वासन दिया था कि इस सड़क की मियाद पांच से सात साल तक होगी। पूर्व मंत्री ने लिखित में मांगी थीं शिकायतें, इसलिए पप्पन ने लिखे पत्र

28 सितंबर को निगम हाउस की बैठक हुई थी। पार्षदों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया था। घपलों की जांच की मांग को लेकर पार्षदों ने तीन दिनों तक धरना दिया था। कुछ पार्षदों ने करीब तीन साल के कार्यकाल के दौरान उपेक्षा के आरोप लगाते हुए भाजपा तक से किनारा करने की चेतावनी दी थी। इसलिए पूर्व मंत्री की चंद दिनों के अंदर पार्षदों के साथ तीन बैठक हो चुकी हैं। पिछले सप्ताह भी हुई बैठक के दौरान पार्षद पप्पन ने गंभीर आरोप लगाए थे। पूर्व मंत्री ने लिखित में शिकायतें देने पर सभी मामलों की जांच कराने का आश्वासन दिया था। यही कारण रहा कि पप्पन ने मेयर को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। इन मामलों में भी लगे गंभीर आरोप :::

1. अमृत योजना में सीवरेज बिछाने में लापरवाही के आरोप, 19 को जांच

हाल ही में पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर की मौजूदगी में बैठक हुई थी। उस दौरान पार्षदों ने अमृत योजना में बिछाई गई सीवरेज लाइन के कालोनियों व दूसरे स्थानों से कनेक्शन न होने के आरोप लगाए थे। कन्हेंली रोड स्थित डेयरी काम्प्लेक्स में काम अधूरे पड़े होने के आरोप हैं। वार्ड-20 की पार्षद पूनम किलोई के प्रतिनिधि सूरजमल किलोई भी आरोप लगा चुके हैं कि मेरे वार्ड में इस योजना में काम हुआ। गुणवत्ता के साथ काम नहीं हुए, जबकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक है। इसलिए जांच करानी चाहिए। पार्षदों की मांग पर जांच का आश्वासन मिला है। अमृत योजना में सीवरेज लाइन बिछाने के लिए 212 करोड़ मांगे गए थे। 194 करोड़ रुपये मिले और पिछले सप्ताह तक करीब 109 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। अब इस प्रकरण में 19 अक्टूबर को जांच का दावा पार्षद प्रतिनिधि सूरजमल ने किया है। -- 2. कन्हेंली रोड पर ढही बूस्टिग स्टेशन की इमारत, जांच दबाई

बीते साल वार्ड-20 स्थित कन्हेंली रोड पर बूस्टिग स्टेशन के टैंक और कमरे के निर्माण कार्य शुरू हुआ। कोविड के चलते काम बंद करना पड़ा। इस साल मार्च में कार्य पूरा हो गया। लेकिन मई में निर्मित हो चुकी इमारत पूरी तरह से ढह गई। तत्कालीन निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा ने एक एक्सईएन को जांच सौंपी। अधिकारियों ने मामले को दबाने के लिए नई कहानी गढ़ दी और दावा किया है कि बरसात के चलते मिट्टी इमारत की नींव से निकल गई। इस कारण यह कमरा ढह गया। वर्जन

मुझे पार्षद धर्मेंद्र गुलिया पप्पन ने तीन पत्र सौंपे हैं। मैं अभी इस प्रकरण में कुछ नहीं कहूंगा। जो-जो आरोप हैं उन सभी मामलों का अधिकारियों से लिखित में जवाब लेंगे। इसी के बाद पार्षद को भी लिखित में ही जवाब देंगे। अधिकारियों से भी कहूंगा कि पारदर्शिता से काम कराएं, जिससे उनके ऊपर आरोप न लगें।

मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम

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मैं सभी आरोपों को लेकर मेयर और अधिकारियों को मौखिक तौर से बता चुका हूं। पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने पिछली बार बैठक में यही कहा था कि जो भी शिकायतें हैं उन्हें लिखकर दें, मैं जांच करवाऊंगा। अब मुझे उम्मीद है कि जांच होगी और कोई गड़बड़ी हुई है तो अधिकारियों को सजा भी मिलेगी। मैं एक सप्ताह का इंतजार करूंगा, इसके बाद अगला कदम उठाऊंगा।

धर्मेंद्र गुलिया पप्पन, भाजपा पार्षद, वार्ड-4

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नगर निगम में व्यापक तौर से भ्रष्टाचार है। इस बात को कोई माने और न माने, लेकिन यह बात सत्य है। अब कोई इन घोटालों और घपलों को साबित नहीं कर सकता, क्योंकि जांच भी अपने अधिकारियों को सौंप दी जाती है।

कदम सिंह अहलावत, कांग्रेस पार्षद, वार्ड-11

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मैं तो सरकार और रोहतक प्रशासन से यही मांग करता हूं कि नगर निगम का नाम बदलकर भ्रष्टाचार रख दिया जाए। जब भाजपा के ही पार्षद भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं तो कहने और सुनने बचा ही क्या है।

गुलशन ईशपुनियानी, कांग्रेस पार्षद, वार्ड-15

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यदि अधिकारियों ने वार्ड-1 से वार्ड-6 तक करोड़ों रुपये खर्च होने का ब्योरा दिया है तो वह बताएं कि कहां पैसा खर्च किया। मेरे वार्ड में सिर्फ सीवरेज लाइन बिछाने का काम हुआ है।

कृष्ण सेहरावत, भाजपा पार्षद, वार्ड-1


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