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हिरासत में युवक की मौत, शव छोड़कर भागी पुलिस

हरियाणा पुलिस की असंवेदनशीलता के कारण यहां एक 27 साल के युवक की हिरासत में मौत हो गई। छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए चार लोगों ने उसकी बुरी तरह पिटाई की थी। इसके बाद पुलिस उसे घर से उठाकर ले गई थी। पुलिस ने उसका इलाज नहीं

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2015 07:01 PM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2015 10:56 AM (IST)
हिरासत में युवक की मौत, शव छोड़कर भागी पुलिस

जागरण संवाददाता, रोहतक : हरियाणा पुलिस की असंवेदनशीलता के कारण यहां एक 27 साल के युवक की हिरासत में मौत हो गई। छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए दंपती सहित चार लोगों ने उसकी बुरी तरह पिटाई की थी। इसके बाद पुलिस उसे घर से उठाकर ले गई थी। पुलिस ने उसका इलाज नहीं कराया और इस कारण उसने दम तोड़ दिया। सबसे शर्मनाक बात है कि पुलिसकर्मी पीजीआई में अज्ञात कह उसका शव रख कर भाग गए।

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युवक को छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस भालौठ गांव से उठाकर लाई थी। इस पर भी पुलिसकर्मियों की गैर जिम्मेदारी की इंतहा यह की उसे पीजीआइ में अज्ञात में शव दर्ज कराकर भाग गए। वह एक सेवानिवृत्त फौजी का पुत्र था। पुलिस ने छेड़छाड़ की शिकायत देने वाले दंपती समेत चार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। जिला उपायुक्त के निर्देश पर न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है।


छेड़छाड़ के आरोप में दंपती और दो युवकों ने की थी पिटाई

सदर थाना क्षेत्र के गांव भालौठ निवासी सेवानिवृत्त फौजी ओमप्रकाश ने बताया कि उसका इकलौता बेटा अमित सांगवान खेतीबाड़ी करता था। उसका दो दिन पहले गांव के एक युवक से झगड़ा हो गया था। बुधवार रात अमित बस स्टैंड से घर लौट रहा था। इसी दौरान रास्ते में एक महिला, उसके पति व दो अज्ञात लोगों ने मिलकर उसको बुरी तरह पीटा।

अमित की मां कमला को जब इसकी जानकारी मिली तो वह बेटे को घर ले आई। अमित को पिटाई के कारण काफी चोट लगी थी। अमित ने अपनी मां को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके कुछ देर बाद ही सदर थाने से चार पुलिसकर्मी वहां पहुंच गए।

विलाप करती युवक की मां।

मेडिकल कराने के बहाने लाए थे उठाकर
ओमप्रकाश का कहना है कि पुलिसकर्मी अमित का मेडिकल कराने के बहाने उठाकर ले गए। ओमप्रकाश एक फैक्टरी में गार्ड के पद पर तैनात है। रात की ड्यूटी करने के बाद वह बृहस्पतिवार अल सुबह सदर थाने पहुंचा। आधे घंटे बाद अमित के पीजीआइ में भर्ती होने की जानकारी दी गई।

ओमप्रकाश यहां पहुंचा तो जानकारी मिली कि सदर थाना पुलिस अज्ञात में शव लेकर आई थी। उस दौरान पुलिसकर्मी पीजीआइ के बाहर मौजूद थे, लेकिन जब गांव भालौठ के ग्रामीण जमा होने लगे, तो वे वहां से भाग गए। अमित का ड्राइविंग लाइसेंस उसके कपड़ों के साथ पीजीआइ के इमरजेंसी गेट पर पड़ा मिला।

ग्रामीणों के जमा होने की सूचना पर पहुंचे अफसर
अमित की पुलिस हिरासत में मौत की खबर सुनकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त होने लगा। धीरे-धीरे ग्रामीण पीजीआइ में जमा होने लगे। जिला परिषद चेयरमैन राजेश और सरपंच सतीश ने पीजीआइ पहुंचकर परिजनों से वार्ता की। ग्रामीणों के जमा होने की भनक जब अफसरों को लगी तो वह फोर्स के साथ पीजीआइ थाने पहुंच गए। डीएसपी अमित भाटिया और बिजेंद्र ने ग्रामीणों व परिजनों से वार्ता की। उन्होंने पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद घटना की जानकारी डीसी को दे दी गई।

जेएमआइसी ने लिए मां-बाप के बयान
जेएमआइसी मीनू घटना की जांच के लिए पीजीआइ पहुंची और उन्होंने अमित की मां कमला व पिता ओमप्रकाश के बयान दर्ज किए। इसके बाद अमित के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने परिजनों से कहा कि बोर्ड गठित कर शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा और इसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। वहीं, पुलिस ने छेड़छाड़ के आरोप में पिटाई करने वाले दंपति समेत चार के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

हवालात में हुई अमित की मौत!
पुलिस ने पूरे मामले पर कई घंटे बाद भी चुप्पी साध रखी है, लेकिन सूत्रों ने जानकारी दी है कि पुलिस अमित को सदर थाने में उठाकर ले गई थी। पुलिस ने उसके कपड़े उतरवाकर अमित को हवालात में डाल दिया था। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि हवालात में डालने के बाद या इससे पहले उसकी थाने में पिटाई की गई या नहीं, लेकिन उसकी मौत हवालात में हुई। अंडरवियर बनियान में पीजीआइ में ले जाया गया शव और बाहर कपड़े इसकी पुष्टि कर रहे थे। क्योंकि पुलिस हवालात में आरोपी के उसके कपड़े उतरवाकर बंद करती है।

अफसर चुप्पी साध छुपा रहे महकमे की लापरवाही

पुलिस इस मामले में जानकारी देने के बजाय शाम तक चुप्पी साधे हुए थी। पुलिस ने इस मामले की जा रही कार्रवाई के बारे में अधिकारिक रुप से जानकारी दे रही थी और न ही लापरवाह पुलिसकर्मियों के बारे में बता रही थी।

अगर पुलिस नहीं लाती, तो भीड़ मार डालती : एसएचओ

दूसरी ओर, एसएचओ राजबीर सिंह ने कहा कि कंट्रोल रूम से देर रात महिला से छेड़छाड़ की सूचना पुलिस को मिली थी। एएसआइ सुरेंद्र पुलिसकर्मियों के साथ गांव पहुंचे थे। छेड़छाड़ की घटना के कारण ग्रामीणों में आक्रोश था। हालांकि अमित को उसकी मां छुड़ाकर अपने घर ले गई थी, लेकिन दूसरे पक्ष के लोग जमा हो गए थे। अगर पुलिस अमित को थाने नहीं लाती तो भीड़ उस पर हमला कर मार सकती थी।

एसएचआे ने कहा कि देर रात लगभग साढ़े तीन बजे अमित को थाने लाया गया। इसके बाद महिला व उसके परिजन आ गए। उनकी शिकायत पर अमित के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद अमित ने शौच जाने के की बात कही। शौच से आने के बाद उसने सीने में दर्द की शिकायत की। इसके बाद एएसआइ सुरेंद्र उपचार व मेडिकल के लिए उसे पीजीआइ लेकर गया। यहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

आधा दर्जन से अधिक मुकदमे हैं दर्ज
एसएचओ राजबीर सिंह ने कहा कि अमित अपराधी प्रवृति का युवक था। उसके खिलाफ आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज थे। उसकी मौत व घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई थी।


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