मार्च में जमीं थी गैंग की जड़, दहशत कायम कर बनना चाहते थे शराब माफिया
- सीआइए-2 की टीम ने मुठभेड़ के दौरान पकड़े थे दो बदमाश दोनों को लगी थी गोली - गिरोह में करीब 10 सदस्य सभी ने मिलकर ले रखा था शराब ठेका ताबड़तोड़ दे रहे थे वारदातों को अंजाम जागरण संवाददाता रोहतक सीआइए-2 से मुठभेड़ के दौरान पकड़े गए बदमाशों के गिरोह की जड़ मार्च माह में जमीं थी। उनका मकसद था कि ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देकर दहशत कायम कर दी जाए और फिर बड़े स्तर पर शराब ठेके लेने की योजना बना रखी थी। जून 201
सीआइए-2 से मुठभेड़ के दौरान पकड़े गए बदमाशों के गिरोह की जड़ मार्च माह में जमीं थी। उनका मकसद था कि ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देकर दहशत कायम कर दी जाए और फिर बड़े स्तर पर शराब ठेके लेने की योजना बना रखी थी। जून 2018 में दिल्ली एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात संजीत बिदरो की मौसी का लड़का संदीप उर्फ लंबू इस गिरोह का मुखिया बनना चाहता है। मुठभेड़ के दौरान पकड़े गए दो बदमाशों से पूछताछ के बाद यह जानकारी सामने आई है।
दरअसल, सीआइए-2 की टीम ने बृहस्पतिवार देर रात ड्रेन नंबर आठ के पास से मुठभेड़ के दौरान दो बदमाशों को पकड़ा था। हालांकि दोनों बदमाश गोली लगने से घायल हो गए थे। जिनकी पहचान रिटौली निवासी मनोज उर्फ सुंडा और रवि उर्फ खड्डू के रूप में हुई। साथ ही एक बदमाश रिटौली निवासी संदीप उर्फ लंबू भागने में कामयाब रहा था। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपितों का पूरा गिरोह है। इसमें अनुज, राहुल उर्फ जोगा, अंकित उर्फ बाबा, धोला ठेकेदार और कुलदीप उर्फ कालू समेत कई लोग शामिल हैं। आरोपितों ने मिलकर सुंडाना गांव में शराब ठेका ले रखा है। खास बात यह है कि मार्च माह में आरोपितों ने गिरोह तैयार कर पहली वारदात की थी। इसके बाद कई वारदातों को अंजाम दिया गया। गिरोह में सबसे ज्यादा सक्रिय संदीप उर्फ लंबू रहता है। गिरोह के सदस्यों का मकसद ताबड़तोड़ वारदात कर दहशत कायम करना था। दहशत कायम होने के बाद कई स्थानों पर शराब ठेके लिए जाते और फिर बड़े स्तर पर शराब का काम करते। इससे पहले ही गिरोह के दो सदस्य मुठभेड़ में पुलिस के हत्थे चढ़ गए। वर्जन
पकड़े गए बदमाशों से अभी प्राथमिक तौर पर ही पूछताछ हुई है। फिलहाल वह पीजीआइ में भर्ती है। वहां से छुट्टी मिलने के बाद रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। जिसमें काफी जानकारी मिलने की उम्मीद है।
- आजाद सिंह, प्रभारी सीआइए-2