आचार संहिता में अफसरों ने कर दिया खेल, अब 24 तालाबों में नहीं होगा मछली पालन, नियम तोड़ने वालों पर होगा केस
जागरण संवाददाता रोहतक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान नगर निगम प्रशासन ने बड़ी
जागरण संवाददाता, रोहतक : लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान नगर निगम प्रशासन ने बड़ी लापरवाही बरती या फिर बड़ा खेल किया। वार्ड-10 स्थित बलियाना गांव में तालाबों में मछली पालन के लिए आचार संहिता तक की परवाह नहीं की। यही कारण रहा कि बलियाना गांव में मछली पालन के लिए मंजूरी दी गई। पूरे प्रकरण का खुलासा करते हुए वार्ड-10 के पार्षद राहुल देशवाल ने जमकर हंगामा किया। अफसरों पर मिलीभगत के आरोप लगाते हुए खरी-खरी सुना दी। यह भी कहा कि तालाबों में किसी भी सूरत में मछली पालन नहीं होना चाहिए। वार्ड-9 के पार्षद जयभगवान और वार्ड-22 की पार्षद संतोष ने भी बाद विरोध जताया। तालाबों में मछली पालन कराने पर रोक लगाने की मांग की। इसलिए बैठक में तय हुआ कि बोहर, बलियाना, सुनारिया, पहरावर, माजरा गढ़ी बोहर व कन्हेंली गांव के 24 तालाबों में मछली पालन नहीं होगा। मछली पालन के लिए जो भी पहले से ठेके उठे हुए हैं, वह भी रद किए जाएंगे।
यहां बता दें कि बोहर गांव के चार तालाब, बलियाना में आठ तालाब, सुनारिया के छह तालाब, पहरावर के चार माजरा गढ़ी बोहर और कन्हेली के एक-एक तालाब में मछली पालन के लिए सदन में प्रस्ताव रखा गया। बिदु नंबर-10 में यह मामला शामिल किया गया था। हालांकि वार्ड-10 के पार्षद ने मछली पालन के बजाय तालाबों के सुंदरीकरण, घाटों के निर्माण और गंदे पानी की निकासी की मांग रखी। पूरे मामले का खुलासा करते हुए दावा किया कि पिछले छह-सात वर्षों से मछली पालन के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। स्थानीय लोगों की मांग का हवाला देते हुए कहा कि तालाबों में तत्काल ही मछली पालन पर रोक लगाई जाए। यह भी कहा कि तालाबों में मछली होने के कारण पशुओं को परेशानी होती है। पार्षद ने जमकर विरोध जताया तो अफसरों ने यही तय किया कि तालाबों में मछली पालन नहीं होगा। मत्स्य पालन विभाग ने ढाई लाख की मछली होने का लगाया था अनुमान, जमा कराए 70 हजार
पार्षद राहुल देशवाल ने आशंका जताते हुए दावा किया है कि मछली पालन के नाम पर बड़ा घपला हुआ है। आरोप लगाया कि मत्स्य पालन ने तालाब में करीब ढाई लाख रुपये की मछली होने का आंकलन किया था। जबकि नगर निगम प्रशासन ने सिर्फ 70 हजार रुपये ही जमा कराए गए। इससे निगम प्रशासन को भारी राजस्व का नुकसान हुआ है। पूरे प्रकरण में जांच की भी मांग उठाते हुए कहा कि जांच भी होनी चाहिए कि आखिर किस अधिकारी की मिलीभगत से यह सब हुआ।
हमने किसी भी नियम को नहीं तोड़ा है। हम कई साल से एक ही तालाब में मछली पालन कर रहे हैं। पहले ठेकेदार से काम लिया। बाद में नगर निगम से। हमने छह-सात लाख रुपये तक बीज डालने और फीस जमा कराने में खर्च किए। पार्षद के आरोप पूरी तरह से गलत हैं।
मुकेश बलियाना, पूर्व पार्षद उपासना देवी के प्रतिनिधि, वार्ड-10
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पार्षद के परिवार ने अपने पद पर रहते हुए नियमों के विपरीत मछली पालन कराया। राजस्व को नुकसान पहुंचाया। अधिकारियों की मिलीभगत से सब होता रहा। पहले केस दर्ज करने के आदेश हुए थे। बाद में मामला वापस ले लिया। जनता की मांग थी कि तालाबों में मछली पालन नहीं होना चाहिए। इससे पशुओं को नुकसान होता है।
राहुल देशवाल, पार्षद, वार्ड-10
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