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वर्तमान में फूड टूरिज्म का महत्व बढ़ा : गिल

जागरण संवाददाता रोहतक मदवि के इंस्टीटयूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट (आइएचटीए

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 07:13 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 07:13 PM (IST)
वर्तमान में फूड टूरिज्म का महत्व बढ़ा : गिल
वर्तमान में फूड टूरिज्म का महत्व बढ़ा : गिल

जागरण संवाददाता, रोहतक : मदवि के इंस्टीटयूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट (आइएचटीएम) में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। फूड, हास्पिटैलिटी एंड टूरिज्म लग्जरी सर्विसेज एंड एक्सपीरिएंसेस विषयक इस संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रतिष्ठित शेफ मंजीत सिंह गिल ने कहा कि वर्तमान में फूड टूरिज्म का महत्व बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारत का विविध स्वादिष्ट व्यंजन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। इससे पहले निदेशक आइएचअीएम प्रो. अशीष दहिया ने संगोष्ठी की थीम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सत्कार एवं पर्यटन उद्योग में उपभोक्ता का अनुभव सर्वाेपरि है। यदि उपभोक्ता का अनुभव अच्छा रहता है तो वह दोबारा उसी होटल अथवा रेस्तरां में आना चाहेगा।

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यूनिवर्सिटी आफॅ नेब्रास्का लिकन (यूएसए) के हास्पिटैलिटी रेस्तरां एंड टूरिज्म मैनेजमेंट प्रोग्राम के ग्लोबल एंगेजमेंट के निदेशक प्रो. दिपरा झा ने कहा कि आज के दौर में लग्जरी हास्पिटैलिटी का दौर चल रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने दुबई के बुर्ज अल अरब होटल, लास वेगास के वेनेशियन होटल, मस्कट के रिज कार्लटन होटल आदि का उल्लेख किया। एमडीयू के डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए के राजन ने हास्पिटैलिटी और टूरिज्म में इनोवेटिव एप्रोच के महत्व को रेखांकित किया।

राजस्थान के मेहरानगढ़ किला की प्रबंधक निदेशक डा. सुमित दहिया ने उस क्षेत्र के विशिष्ट व्यंजन, विशेष रूप से मेहरानगढ़ किले के शाही रसोई के व्यंजनों की चर्चा की।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के उपनिदेशक पीडी लखावत ने उत्कृष्ट हास्पिटैलिटी कल्चर विकसित करने और इसके लिए प्रभावी प्रशिक्षण पर फोकस किया। गुरुग्राम के ले कोर्दन ब्लू स्कूल ऑफ हास्पिटैलिटी के डीन प्रो. वाईजी थराकान ने फूड कल्चर, क्यूजिन औरकुलीनरी एक्सपीरियंस के महत्व पर प्रकाश डाला।

महिला महाविद्यालय खरखौदा की प्राचार्या डा. सुरेश बूरा और जीआइएचएम सोनीपत के निदेशक डा. राजन मक्कड ने भी विचार साझा किए। आभार प्रदर्शन प्राध्यापिका डा. गुंजन मलिक ने किया। मंच संचालन शोधार्थी शिवांगी और रूचि ने किया। इस संगोष्ठी में डा. सुमेघ, डा. ज्योति तथा डा. शिल्पी ने आयोजन सचिव का दायित्व निर्वहन किया। संगोष्ठी में प्रो. एससी मलिक, प्रो. सोनिया मलिक, प्रो. मधु नागला, प्रो. अंजना गर्ग, प्रो. जितेन्द्र प्रसाद, प्रो. बी के नागला, डा. सुनील मिश्रा, राघवेन्द्र मलिक, प्रदीप श्योराण, सुनित मुखर्जी, डा. मनोज, डा. सुमेघ, डा. संदीप मलिक, डा. गोल्डी पुरी, डा. रणबीर सिंह, डा. संजीव, डा. अनूप, डा. गुजंन, डा. ज्योति, डा. शिल्पी के अलावा अन्य शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।


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