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बेडवा में फिर मिला हथगोला, ¨जदा हथगोले को लोहा समझकर घर ले जा रहा था चरवाहा

संवाद सहयोगी, महम : क्षेत्र के बेडवा गांव में ¨जदा हथगोला मिलने से सनसनी फैल गई। जिसे चरवाहा

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Feb 2018 08:23 PM (IST)Updated: Sat, 24 Feb 2018 12:37 PM (IST)
बेडवा में फिर मिला हथगोला, ¨जदा हथगोले को लोहा समझकर घर ले जा रहा था चरवाहा
बेडवा में फिर मिला हथगोला, ¨जदा हथगोले को लोहा समझकर घर ले जा रहा था चरवाहा

संवाद सहयोगी, महम : क्षेत्र के बेडवा गांव में ¨जदा हथगोला मिलने से सनसनी फैल गई। जिसे चरवाहा लोहा समझकर अपने घर लेकर जा रहा था। हालांकि इसी बीच एक सेवानिवृत सुबेदार ने उसे देखा और हथगोले के बारे में बताया। सूचना मिलने पर पुलिस और बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा। बम निरोधक दस्ते ने देर रात तक उसे निष्क्रिय किया और अपने साथ लेकर चले। गांव में हथगोला कहां से आया और कब से यह पड़ा हुआ था पुलिस की जांच में जुटी हुई है।

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गांव के पास मनीयारी तालाब सूखा पड़ा हुआ है। उसके किनारे एक चरवाहा बकरी चरा रहा था। इसी दौरान उसे लोहे की वस्तु पड़ी दिखाई दी। चरवाहे ने उसे उठा लिया और घर लेकर जाने लगा। बीच रास्ते में सेवानिवृत सुबेदार ओमप्रकाश ने चरवाहे के हाथ में हथगोला देखा तो उसने चरवाहे को इसके बारे में जानकारी दी। जिसके बाद चरवाहे ने वापस हथगोले को ले जाकर तालाब के किनारे ही रख दिया और सरपंच जग¨वद्र को इसकी जानकारी दी। गांव में हथगोला मिलने से हड़कंप मच गया। हथगोले के आसपास किसी को भी नहीं जाने दिया गया। सूचना मिलने पर महम थाना पुलिस मौके पर पहुंची। हथगोले के ¨जदा होने का शक होने पर पुलिस ने बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया। बम निरोधक दस्ते ने लंबी जद्दोजहद के बाद उसे निष्क्रिय किया। डर के कारण ग्रामीणों ने चरवाहे का नाम भी पुलिस को नहीं बताया। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि आखिर हथगोला गांव में कहां से आया। फिलहाल यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

पहले भी मिल चुके हैं हथगोले

करीब चार साल पहले ग्रामीण तालाब की खुदाई कर मिट्टी को सरकारी स्कूल में भरत के लिए डाल रहे थे। स्कूल में डाली गई मिट्टी में हथगोला पड़ा मिला था। इसके अलावा 27 मई 2016 को डाब वाले तालाब में नहा रहे बच्चों के हाथ में ग्रेनेड लगा था। बम निरोधक दस्ते के सब इंस्पेक्टर सुरजीत के नेतृत्व में उसे गांव के खेतों में निष्क्रिय किया गया। दस्ते ने बताया था कि हथगोले पर 1961 एलके 45 एचएम36 लिखा हुआ है । जिसकी पिन जगं खाए हुए थी। इस तरह के हथगोले देश की सेना व अर्धसैनिक इस्तेमाल करते हैं। ग्रामीणों के साथ-साथ पुलिस भी हैरान है कि गांव में हथगोले कहां से आ रहे हैं।

हर बार होती है चूक

जब-जब भी गांव में हथगोला मिला तब-तब ग्रामीणों की लापरवाही भी सामने आई। पहली बार स्कूल में हथगोला मिलने पर बच्चे उसे गेंद समझकर खेल रहे थे। तब किसी ने उसे देखा और पुलिस को सूचना दी। इस बार भी चरवाहे ने वही गलती दोहराई। यदि हथगोला फट जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था।

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जांच में हथगोला ¨जदा हाने की पुष्टि होने पर बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया था। उन्होंने बम को निष्क्रिय किया और अपने साथ लेकर चले गए। बम निष्क्रिय होने के बाद ही ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।

- रमेश कुमार, थाना प्रभारी महम


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