पुलिस की मौजूदगी में ग्रामीणों और शिक्षकों में बनी सहमति, आज खुलेगा स्कूल
पुलिस की मौजूदगी में खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हुई दोनों पक्षों की बैठक - शिक्षकों पर हमले के बाद तीन दिन से बंद था किशनगढ़ का सरकारी स्कूल - एक दिसंबर को शिक्षकों पर हुआ था हमला, शिक्षा अधिकारियों ने किया हस्तक्षेप - तीन दिनों से स्कूल पर लटका है ताला, बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित
जागरण संवाददाता, रोहतक : किशनगढ़ गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षकों पर हुए हमले के बाद चल रहा विवाद बुधवार को थम किया। पुलिस की मौजूदगी में ग्रामीणों और स्कूल शिक्षकों की बुधवार को बैठक हुई। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय महम में हुई इस बैठक में दोनों पक्षों में सहमति बनी तो शिक्षकों ने भी बृहस्पतिवार से स्कूल में जाने का निर्णय लिया। शिक्षकों का कहना है कि पुलिस और ग्रामीणों ने उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए बृहस्पतिवार से स्कूल खुलेगा और बच्चों की पढ़ाई कराई जाएगी। उधर, बैठक के बाद ग्राम पंचायत व ग्रामीण पीड़ित प्राध्यापक जगदीप मिगलानी से मिलने उनके घर भी पहुंचे और सुरक्षा का आश्वासन दिया। बता दें कि एक दिसंबर को करीब दो दर्जन युवाओं ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय किशनगढ़ में घुसकर शिक्षकों पर हमला कर दिया था। जिसमें जगदीप व अन्य शिक्षक घायल हो गए थे। शिकायत मिलने पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था।
उधर, घटना के बाद से स्कूल शिक्षकों में सुरक्षा को लेकर भय व्याप्त था और उन्होंने स्कूल जाने से इन्कार कर दिया था। जिसके चलते पिछले तीन दिनों से स्कूल पर ताला लटका हुआ था और विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। दोनों पक्षों में डेढ़ घंटे तक चली बैठक :
किशनगढ़ स्कूल प्रकरण के समाधान के लिए बीईओ कार्यालय महम में सभी शैक्षिक संगठनों, शिक्षा अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों व ग्राम पंचायत के बीच एक बैठक सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई, जो करीब डेढ़ घंटे तक चली। जिसमें हसला के राज्य प्रधान दयानंद दलाल ने कहा कि स्कूल में घुसकर अध्यापकों पर किया गया हमला बहुत ही निदंनीय व समाज को शर्मसार करने वाला कृत्य है। उन्होंने इस गंभीर मुद्दे को लेकर पंचायत पर भी शुरू में ही लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत को प्रारंभ में ही पीड़ित शिक्षकों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने पुलिस की ढीली कार्यवाही पर भी नाराजगी जाहिर की। जिसके बाद पुलिस व पंचायत ने शिक्षकों की सुरक्षा करने का आश्वासन दिया और और शिक्षकों को विद्यार्थियों की पढ़ाई का आह्वान किया। जिसके बाद शिक्षकों ने सहमति जताई। दोपहर बाद स्कूल पहुंचे शिक्षक :
पुलिस की मौजूदगी में ग्रामीणों के साथ हुई बैठक के बाद सभी शिक्षक किशनगढ़ स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में पहुंचे, लेकिन स्कूल पर सुबह ताला लगा होने के चलते विद्यार्थी नहीं आए थे। ऐसे में दोपहर बाद स्कूल पहुंचने के बाद शिक्षकों ने यहां बैठक की। शिक्षकों का कहना है कि सुरक्षा उनकी प्रमुख मांग थी, जिसका आश्वासन उनको दिया गया है। उन्होंने हमले के आरोपितों को गिरफ्तार कर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग भी की है। शिक्षकों ने बताया कि डीएसपी सज्जन ¨सह ने पुलिस विभाग की ओर से पूरी सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही। वहीं शेष अपराधियों को भी जल्दी ही गिरफ्तार कर निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन दिया। ये रहे बैठक में मौजूद :
बैठक में जिला परियोजना समंवयक वीरेंद्र मलिक, खंड शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गौड़, प्राचार्य बिजेंद्र हुड्डा, एचपीटीए राज्य प्रधान हरिओम राठी, आरपीएसएस जिला प्रधान रामराज कादयान, महासचिव संजय चोपड़ा, ब्लाक प्रधान सुरेंद्र, हसला जिला प्रधान बलजीत सहारण, ब्लाक प्रधान राकेश दलाल, अजमेर हुड्डा, राजेश देशवाल, महम ब्लाक प्रधान महेश वर्मा आदि उपस्थित रहे।