सुनारिया के लोगों की कमिश्नर से फरियाद, कहा कि साहब अब तो बनवा तो हमारे घर
जागरण संवाददाता, रोहतक राजीव गांधी आवासीय योजना के अधूरे पड़े आवासों को पूरा कराने के
जागरण संवाददाता, रोहतक
राजीव गांधी आवासीय योजना के अधूरे पड़े आवासों को पूरा कराने के लिए एक बार फिर लोगों ने अफसरों से गुहार लगाई। मंगलवार को वार्ड-20 स्थित सुनारिया गांव की जनता ने नगर निगम के कमिश्नर प्रदीप कुमार से गुहार लगाते हुए अधूरे आवासों का निर्माण कार्य पूरा कराने की मांग की। यह भी कहा कि अपने घर तैयार कराने के चक्कर में हमारे ऊपर कर्जा हो गया है। यदि राहत नहीं मिली तो कर्जा जिनसे लिया है वह ब्याज सहित पैसा चुकाने की चेतावनी दे रहें। वहीं, अफसरों ने एक बार फिर से आश्वासन दिया है कि 35 करोड़ की दूसरी किश्त पाने के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जा चुका है। किश्त तो मंजूर हो गई है, लेकिन सरकार से रकम नहीं मिली है। बजट मिलते ही पहली व दूसरी किश्त दी जाएगी।
नगर निगम कार्यालय में सुनारिया गांव के सैकड़ों फरियादी पहुंचे। ध्यान ¨सह, ओम प्रकाश, सुरेंद्र, चांद कौर, विजय, बजीर ¨सह, श्रीनिवास, संतोष, जैन ¨सह, सुंदर, रामचंद, ममता, सुनीता, खजान ¨सह, डालचंद ने आदि ने बताया कि करीब 500 लाभार्थियों में ज्यादातर को पहली और दूसरी किश्त नहीं मिल सकी है। जबकि आवासीय योजना के तहत आवेदन तीन साल पहले किए थे। करीब ढाई साल से निर्माण कार्य चल रहा है। इनका कहना है कि पहली किश्त के तौर पर लाभार्थियों को एक लाख आठ हजार रुपये मिलते हैं, कुल तीन किश्तों पर तीन लाख 24 हजार रुपये मिलने थे। योजना की जानकारी देते हुए कहा कि पहली किश्त नींव भरने के बाद ही मिलती है। इसलिए ज्यादातर लाभार्थियों ने जर्जर और कच्चे मकान तोड़कर नींव भरवाने का काम शुरू करा दिया, जबकि दूसरी किश्त बाउंड्री पर तो तीसरी किश्त छत का कार्य पूरा कराने पर मिलती। हालांकि अभी तक किश्तें अटकी रहीं। जबकि लाभार्थी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए।
लाभार्थियों का दावा, कई की हो गई मौत
लाभार्थियों का दावा है कि जिनके घर बनने थे, उनमें से कई लोग मर चुके हैं। उनके परिजनों को योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है, लेकिन पिछले एक साल से ज्यादातर लाभार्थी अधिकारियों के समक्ष लगातार चक्कर काट रहे हैं। मगर योजना का पूरी तरह से लाभ नहीं मिल सका है। बोहर, बलियाना, कन्हेंली से लेकर सुनारिया गांवों में भी आवासीय योजना पूरी नहीं हो सकी है। इसलिए दो साल से बरसात, सर्दी और भीषण गर्मी खुले आसमान के नीचे काटी।
वर्जन
राजीव गांधी आवासीय योजना के तहत सीवरेज और पेयजल आपूर्ति का कार्य हो चुका है। 1518 आवास तैयार होने थे और यह योजना करीब 95 करोड़ रुपये की है। मगर आवासीय योजना के तहत अभी तक दूसरी किश्त के तौर पर 35 करोड़ रुपये नहीं मिले हैं। सरकार से बजट की डिमांड की है। बजट मिलने की स्थिति में ही रकम मिलेगी।
जगदीश चंद्र, सिटी प्रोजेक्ट आफिसर, नगर निगम