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12 एमएम बरसात से भी हवा नहीं हुई स्वच्छ, एक्यूआइ रहा 225

जागरण संवाददाता रोहतक शहर में करीब 12 एमएम बरसात में प्रदूषण के स्तर में कमी आई। ल

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 09:02 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 06:19 AM (IST)
12 एमएम बरसात से भी हवा नहीं हुई स्वच्छ, एक्यूआइ रहा 225
12 एमएम बरसात से भी हवा नहीं हुई स्वच्छ, एक्यूआइ रहा 225

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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शहर में करीब 12 एमएम बरसात में प्रदूषण के स्तर में कमी आई। लेकिन, हवा अब भी सांस लेने लायक नहीं हुई। शुक्रवार को बरसात के बावजूद शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) का स्तर खराब रहा। शहर का अधिकतम एक्यूआइ 225 दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के पांच बड़े शहरों की बात की जाए तो रोहतक का नंबर चौथा रहा। एनसीआर में सबसे स्वच्छ हवा सोनीपत की रही।

अक्टूबर-नवंबर माह में खेतों में जल रही पराली को वायु प्रदूषण का बड़ा कारण माना जा रहा था। जोकि, दिसंबर माह में काफी हद तक थम गई है। इसके बावजूद एक्यूआइ का लगातार ऊपर रहना चितनीय है। विशेषज्ञों के अनुसार मौसम में बदलाव की परिस्थितियां प्रदूषण की बड़ी वजह है। आद्रता, धुंध में बढ़ोतरी और वातावरण में प्राकृतिक तौर पर बनने वाली लेयर के बहुत नीचे होने से प्रदूषक जमीन के पास ही अटक रहे हैं। रोहतक शहर में हवा में मुख्य प्रदूषक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 है। तापमान में बदलाव से यह परिस्थिति बनी है। इसे एटमॉसफेरिक इनवरशन या टेम्परेचर इनवरशन भी कहा जाता है। फिलहाल, वायु प्रदूषण का बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाले धुआं है। साथ ही बड़े सरकारी निर्माण कार्य भी वायु प्रदूषण का कारण बन रहे हैं। क्या है एटमॉसफेरिक इनवरशन

एमडीयू के पर्यावरण विज्ञान के प्रो. जेएस लौरा के अनुसार एटमॉसफेरिक इनवरशन वातावरण में बनने वाली परतों को कहा जाता है। यह मौसम में बदलाव के बाद बनने वाली परिस्थिति है। परतों में प्रदूषक फंस जाते हैं। बहुत नीचे होने से व्यक्ति इनके संपर्क में आ जाते हैं। यह प्राकृतिक प्रक्रिया है। लेकिन, वाहनों से निकलने वाला धुआं कृत्रिम है। वाहनों की बढ़ती संख्या से प्रदूषक अधिक मात्रा में हवा में घुल रहे हैं। यह बरते सावधानी

भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ सांइसेज के सफर इंडिया एयर क्वालिटी सर्विस के अनुसार स्वस्थ व्यक्तियों को ज्यादा देर प्रदूषित हवा में रहने से थकान महसूस हो सकती है। इसके लिए ज्यादा देर बाहर बिताने से बचना चाहिए। काम के बीच में ब्रेक लें और बहुत थकान वाले कार्याें से बचें। अस्थमा या अन्य श्वास रोगी साथ में दवा रखें। हृदय रोगी सांस लेने या थकान महसूस होने पर डॉक्टर की सलाह लें। एनसीआर के शहरों का सूरत-ए-हाल

शहर एक्यूआइ शाम 4:00 पर एक्यूआइ रात 8:30 पर गाजियाबाद 258 264

दिल्ली 235 240

ग्रेटर नोएडा 217 241

रोहतक 208 225

पानीपत 197 212

करनाल 155 177

गुरुग्राम 152 165

बहादुरगढ़ 148 168

सोनीपत 108 103


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