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सेक्टर-4 एक्सटेंशन में बंदरों का आतंक, बरसाती पानी की निकासी के भी इंतजाम नहीं

सेक्टरों में अव्यवस्थाएं नहीं सुधर रहीं। सेक्टरों में बंदरों का इतना आतंक है कि पार्क और गलियों में बच्चे अकेले नहीं घूम सकते। यह भी आरोप हैं कि नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) के अधिकारी सुनवाई नहीं करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 08:25 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 08:25 AM (IST)
सेक्टर-4 एक्सटेंशन में बंदरों का आतंक, बरसाती पानी की निकासी के भी इंतजाम नहीं
सेक्टर-4 एक्सटेंशन में बंदरों का आतंक, बरसाती पानी की निकासी के भी इंतजाम नहीं

जागरण संवाददाता, रोहतक : सेक्टरों में अव्यवस्थाएं नहीं सुधर रहीं। सेक्टरों में बंदरों का इतना आतंक है कि पार्क और गलियों में बच्चे अकेले नहीं घूम सकते। यह भी आरोप हैं कि नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) के अधिकारी सुनवाई नहीं करते हैं। सेक्टर में बंदरों के साथ ही सूअर भी खाली प्लाट में घूमते हैं। घरों के अंदर भी घुस आते हैं। इसी तरह से सेक्टर में बरसाती पानी की निकासी नहीं होती। सीवरेज सिस्टम भी बेहतर नहीं है। सेक्टर वालों का कहना है कि जल्द ही सभी अव्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से शिकायत करेंगे। पहले भी कई बार शिकायतें कर चुके हैं।

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सेक्टर-4 एक्सटेंशन की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुखबीर सिंह माथुर, उप प्रधान रणवीर सिंह सिवाच, सचिव सूबेदार सूरत सिंह व संजय सांगवान ने बताया कि यहां रहना दिनों-दिन मुश्किल होता जा रहा है। जिमखाना क्लब वाली मुख्य सड़क भी जर्जर हो चुकी है। इस सड़क से सेक्टर-4, सेक्टर-4 एक्सटेंशन, सेक्टर-5 आदि सेक्टरों के लिए भी रास्ता है। इसी सड़क से नए बस अड्डे से लेकर राजीव गांधी खेल स्टेडियम, सेक्टर-6 आदि के लिए भी रास्ता है। इनके अलावा ट्रेजरार धर्मबीर राठी, कपूर सिंह नैन, राम किशन दहिया, सूबेदार शमशेर सिंह, राजेंद्र सिंह राना, नफे सिंह ने रोष जताते हुए कहा कि बरसाती सीजन आया तो बड़ी दिक्कतें होगी। क्योंकि बरसाती पानी की निकासी भी इंतजाम बेहतर नहीं है। फ्रिज खोलकर सामान फेंक देते हैं

सेक्टर निवासी संजय सांगवान बंदरों के आतंक के कई किस्से सुनाए। इन्होंने कहा कि बंदर फ्रिज खोलकर सामान फेंक देते हैं। घरों या फिर ग्रीन बेल्ट में खड़े पेड़ों से फल तोड़कर फेंक देते हैं। रसोई में घुस जाते हैं। पानी की आपूर्ति वाली टोंटी खोल देते हैं। बच्चे और बुजुर्ग अकेले बाहर नहीं निकल सकते हैं। पौधों के साथ ही बेल भी उखाड़ देते हैं। इन्होंने कहा कि नगर निगम और एचएसवीपी के अधिकारियों ने बंदर पकड़वाने के लिए कभी प्रयास नहीं किए। लोग यहां बहुत परेशान हैं। यह बताए सुझाव

सेक्टर-6 की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रमेश खासा ने बताया कि नगर निगम को सभी सेक्टरों में बंदर व बेसहारा पशुओं को पकड़ने का संयुक्त अभियान चलाना चाहिए। इसी तरह से बरसाती पानी की निकासी के लिए सभी सेक्टरों में इंतजाम करने के लिए सर्वे हो। पंप सेट अस्थाई रूप से रखवाएं जाएं। कचरा उठाने के लिए सभी सेक्टरों में गाड़ियां आएं। इसी तरह से सीवरेज व ड्रेनेज की सफाई भी हो। खाली प्लाट की सफाई हो। जिससे सांप-बिच्छू घरों में न आएं।


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