बाढ़ से तबाह रोहतक में मरहम लगाने पहुंची थीं सुषमा
रोहतक पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज बेशक इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उ
ओपी वशिष्ठ, रोहतक
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज बेशक इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें, संस्मरण और किस्से आज भी रोहतक व यहां के लोगों से जुड़े हुए हैं। राजनीति से परे हटकर मानवीय मूल्यों को ज्यादा तवज्जो देती थीं, जिसका एक उदाहरण रोहतक में 1995 में आई बाढ़ में देखने को मिला। सुषमा स्वराज रोहतक में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंची थीं। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों की पीड़ा को न केवल सुना बल्कि हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। इसके अलावा भी उनके कई संस्मरण है, जिससे वे हमेशा याद की जाएंगी।
रोहतक में सितंबर 1995 में बाढ़ आ गई थी। शहर में दस से 15 फीट पानी भर गया था। मकान और प्रतिष्ठान पूरी तरह से जलमग्न हो गए थे। लोगों ने भवनों की छतों पर बैठकर रातें काटनी पड़ी। आर्थिक नुकसान का कोई अनुमान नहीं था। कई परिवारों को तो पलायन करना पड़ा था। केंद्र और प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी। अन्य राजनीति दलों ने एकजुट होकर आवाज उठाई और धरना भी दिया। सभी राजनीति दलों ने एक संघर्ष समिति बनाई, इसके अध्यक्ष भाजपा नेता प्रदीप जैन को बनाया गया था। प्रदीप जैन के बुलावे पर सुषमा स्वराज बाढ़ का निरीक्षण करने रोहतक पहुंची थी। सुषमा स्वराज ने बाढ़ पीड़ित लोगों से भी मुलाकात की, जिनका सबकुछ तबाह हो चुका था। भाजपा नेता प्रदीप जैन ने उन दिनों की यादों को ताजा करते हुए बताया कि सुषमा स्वराज सुविख्यात नेता रही हैं, जिन्होंने राजनीति में खास आयाम स्थापित किए। उनकी भाषा शैली गजब की रही। उनका भाषण सुनने के लिए दूसरे दलों लोग भी पहुंचते थे। रोहतक में वह अनेकों बार आई थी और यहां से खास रिश्ता रहा है। लाला हुकुमचंद के पोते के निधन की सूचना पर तत्काल पहुंचीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ के रोहतक में बेहद करीबी रहे स्वर्गीय लाला हुकुमचंद गोयल के बेटे सुनील कहते हैं कि हमारे परिवार से सुषमा स्वराज के परिवारिक संबंध थे। सुनील कहते हैं कि उनके भतीजे विशाल का साल 2000 में निधन हो गया था। उस दौरान सूचना पाते ही सुषमा स्वराज फौरन रोहतक पहुंची थीं। इसके अलावा भी वह उनके पारिवारिक कार्यक्रमों में आती रही हैं। रोहतक के इन परिवारों से भी रहा नाता
भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहरलाल वधवा ने दावा किया है कि केंद्र में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए थे रोहतक वालों को भुलाया नहीं। इनका कहना है कि नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन सुंदरलाल सेठी, भाजपा के जिलाध्यक्ष अजय बंसल और रोहतक केमिस्ट एसोसिएशन के प्रधान सतीश कत्याल के घर पर कई बार आईं। इनके अलावा भी शहर में कई परिवारों से ताल्लुक रहे।
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