आइसीसी महिला क्रिकेट रैंकिग में शिखर छूने वाली शेफाली देश की करोड़ों लड़कियों की प्रेरणास्त्रोत
अपनी प्रतिभा से क्रिकेट के भगवान सचिन को मुरीद बनाने वाली शेफाली वर्मा ने देश की करोड़ों लड़कियों को स्वप्न देखने के लिए प्रेरणास्त्रोत का काम किया है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : अपनी प्रतिभा से क्रिकेट के भगवान सचिन को मुरीद बनाने वाली शेफाली वर्मा ने देश की करोड़ों लड़कियों को स्वप्न देखने के लिए प्रेरणास्त्रोत का काम किया है। महज 15 साल की उम्र में भारतीय महिला क्रिकेट टीम में न सिर्फ जगह बनाई बल्कि धुंआधार बल्लेबाजी से टी-20 वर्ल्डकप में टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाया। महिला आइसीसी क्रिकेट रैंकिग में शिखर पर भी पहुंच चुकी है। फिलहाल, रैंकिग में तीन नंबर पर काबिज है।
बेहद साधारण परिवार से संबद्ध शेफाली का अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने तक का सफर आसान नहीं रहा। पिता संजीव वर्मा कहते हैं कि शेफाली की बदौलत वह खुद का स्वप्न पूरा कर पाए हैं। बेटी जब क्रीज पर उतरती है तो उन्हें खुद खेलने का अनुभव होता है। एक समय ऐसा भी था जब दोस्त व रिश्तेदार बेटी को क्रिकेट खिलाने पर नाराजगी जाहिर करते थे। उन्हें लगता था कि पढ़ लिखकर घर की स्थिति को अच्छा किया जा सकता है। क्रिकेट जैसे खेल में करियर बनाना आसान नहीं। लेकिन, पिता-बेटी के अथक प्रयास ने आखिर सफलता पाई। फटे ग्लव्ज और कई जगह से चटक चुके बैट से प्रेक्टिस करने वाली शेफाली को जब भारतीय टीम की जर्सी मिली तो पिता की आंखों में खुशी के आंसू झलक पड़े। शेफाली फिलहाल आने वाले टूर्नामेंट के लिए प्रेक्टिस कर रही हैं। सचिन को देख शुरू की क्रिकेट
पिता बताते हैं कि वर्ष 2013 में सचिन तेंदुलकर के रोहतक में हुए आखिरी रणजी मैच के दौरान शेफाली ने क्रिकेटर बनने की इच्छा जताई थी। शेफाली तभी से सचिन को अपना आदर्श मानती हैं। उन्हें की तरह ही देश का नाम दुनिया में रोशन करने के इरादे को सच कर दिखाया है। शेफाली का कहना है कि सभी लड़कियों को आने लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।