हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा का निधन, कुछ समय से बीमार थे
हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीकृष्ण हुड्डा का निधन हो गया है। 75 साल के श्रीकृष्ण हुड्डा कुछ समय से बीमार थे। वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी नेता थे।
रोहतक, जेएनएन। हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और बरोदा से कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा का रविवार को निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से गंभीर रूप से बीमार हैं और एक दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह रोहतक के गांव खिड़वाली के रहने वाले थे। विधानसभा में वरिष्ठ विधायकों में शामिल थे। 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी और मशहूर अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगश्वर दत्त को हराया था। उनकी आयु 75 वर्ष थी। वह छह बार विधायक बने।
75 साल की आयु में दिल्ली के अस्पताल में अंतिम सांस ली, छह बार विधायक चुने गए
श्रीकृष्ण हुड्डा को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खासमखास थे। हरियाणा कांग्रेस में विवाद के दौरान वह हुड्डा के साथ खड़े रहे। वह बरोदा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतते रहे थे। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्होंने ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त को हराया था।
2019 के विधानसभा चुनाव में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त को हराया था
श्रीकृष्ण हुड्डा राजनीति में ताऊ देवीलाल से प्रेरिेत होकर आए थे और बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने एक बार चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी हराया था। वह पिछले कुछ महीने से गंभीर रूप से बीमार थे और दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। वह कुछ समय से वेंटिलेटर पर थे। उनके निधन पर कई नेताओं ने शोक जताया है।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शोक जताया, अपनी निजी क्षति बताया
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण हुड्डा का आकस्मिक निधन गहरा आघात पहुaचाने वाला है! वह कांग्रेस ही नहीं प्रदेश की राजनीति के मजबूत स्तंभ थे। उनका निधन मेरे परिवार और प्रदेश की राजनीति के लिए बहुत बड़ा झटका है। उन्होंने अपना पूरा जीवन जनसेवा को समर्पित कर दिया। छह बार विधायक के तौर पर चुना जाना अपने आप में उनकी लोकप्रियता को बयां करता है।
हुड्डा ने कहा कि श्रीकृष्ण हुड्डा की छवि समाजिक व्यक्ति के रूप में होती थी। उन्होंने हमेशा जनसाधारण से जुड़कर राजनीति की। हमेशा किसान कमेरे और गरीब की आवाज़ बने। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत हानि है। श्रीकृष्ण हुड्डा के परिवार से हमारे बरसों पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं। एक बड़े भाई की तरह उनका प्यार और आशीर्वाद हमेशा मिलता रहा। उनके निधन से हरियाणा की राजनीति को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती।