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देवों की वाणी है संस्कृत : डा. बलदेव

जागरण संवाददाता रोहतक अखिल भारतीय जाट सूरमा स्मारक महाविद्यालय में मंगलवार को आधुनिक

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 06:17 PM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 06:17 PM (IST)
देवों की वाणी है संस्कृत : डा. बलदेव
देवों की वाणी है संस्कृत : डा. बलदेव

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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अखिल भारतीय जाट सूरमा स्मारक महाविद्यालय में मंगलवार को आधुनिक युगे संस्कृतस्य उपयोगिता विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. बलदेव सिंह मेहरा रहे। यह व्याख्यान जाट कालेज के संस्कृत विभाग की ओर से आयोजित किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के युग में युवा संस्कृत भाषा से कोसों दूर हैं जहां भारत में अंग्रेजी भाषा को सबसे ऊपर दिखाया जा रहा है वहां संस्कृत भाषा से दूरी बनाई गई है। आधुनिक युग में भारत जैसे देश में संस्कृत कमजोर हो रही है और विदेशी भाषा अंग्रेजी को ज्यादा महत्व दिया जाता है।

डा. मेहरा ने कहा कि हमारी सबसे पुरानी भाषा संस्कृत है जो लुप्त हो रही है। संस्कृत देवों की वाणी है, आज के समय में संस्कृत को प्रथम श्रेणी का दर्जा दिलवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां संस्कृत के वेद पढ़ने मात्र से शारीरिक तनाव से मुक्ति व गृह शांति मिलती है तो हम क्यूं दूसरी ओर ध्यान दें, वैदिक होने के साथ साथ हमें संस्कृत की ओर भी चलना होगा। विद्यार्थियों को सफलता का मंत्र देते हुए संस्कृत भाषा के माध्यम से आधुनिक युग में रोजगार के लिए बेहतर अवसर बताया। कालेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा. प्रकाश कौर ने बताया कि चिकित्सा पद्धति व वेद संस्कृत भाषा में विद्यमान हैं। वेद दुनिया के प्रथम धर्म ग्रंथ है। सामान्य भाषा में वेद का अर्थ होता है ज्ञान। वेद पुरातन ज्ञान विज्ञान का अथाह भंडार है। इससे पहले उन्होंने मुख्य वक्ता डा. बलदेव का स्वागत भी किया। वहीं, मंच संचालन डा. संजीत ने किया। इस अवसर पर डा. दिलबाग कादयान, डा. कमलेश दलाल, डा. सरोज बाला, डा. गीतांजलि कुंडू, डा. कांता, डा. मनीषा, डा. सरोज नारा, डा. प्रियंका व कालेज के विद्यार्थी मौजूद रहे।


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