Rohtak News: सुलझ गई एमडीयू की छात्रा के सुसाइड केस की गुत्थी, लड़का कर रहा था परेशान; केस दर्ज
Rohtak News शुक्रवार रात को 23 वर्षीय दीक्षा ने एमडीयू के मेघना गर्ल्स हास्टल में अपने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी थी। मेघना मूलरूप से भिवानी के रानीला गांव की रहने वाली थी। वो एमडीयू के माइक्रोबायोलाजी डिपार्टमेंट में सेकंड इयर की छात्रा थी।
रोहतक, जागरण संवाददाता। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के हास्टल में फंदा लगाकर छात्रा के जान देने के मामले में एक युवक के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। आरोपित दीपांशु राणा पर छात्रा को लंबे समय से परेशान करने का आरोप है। इस बारे में मृतका के स्वजनों को उसकी सहेलियों ने बताया है। स्वजनों की शिकायत पर पीजीआइएमएस थाना पुलिस ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है।
शुक्रवार रात को 23 वर्षीय दीक्षा ने एमडीयू के मेघना गर्ल्स हास्टल में अपने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी थी। मेघना मूलरूप से भिवानी के रानीला गांव की रहने वाली थी। वो एमडीयू के माइक्रोबायोलाजी डिपार्टमेंट में सेकंड इयर की छात्रा थी। करीब एक साल से वो मेघना गर्ल्स हास्टल के रूम नंबर 19 में रह रही थी।
शुक्रवार को उसकी रूममेट शाम करीब आठ बजे बाहर गई तो पीछे से कमरे में दीक्षा ने छत पर लगे पंखें में फंदा बना फांसी लगाकार सुसाइड कर लिया। पीजीआइएमएस थाना पुलिस को मृतका के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। दीक्षा के पिता रिटायर्ड फौजी भरत सिंह की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। शनिवार दोपहर को शव का पीजीआइ में पोस्टमार्टम हुआ।
पुलिस फोन में करेगी सुसाइड नोट सर्च
मामले की जांच के दौरान पुलिस के सामने आया है कि स्वजनों ने आखिरी बार दीक्षा ने शुक्रवार शाम को ही बात की थी। उसकी अपनी मां से शाम करीब छह बजे बात हुई थी। लेकिन अभी दीक्षा के फोन की पूरी डिटेल पुलिस के पास नहीं आई है। उसका फोन लॉक है। पुलिस उसे साइबर सैल से अनलाक कर पता लगाएगी कि आखिरी पलों से पहले उसने किस से बात की थी। वहीं पुलिस किसी प्रकार के सुसाइड नोट के फोन में सेव होने की भी जांच करेगी।
पिता ने बोला- घर की किसी बात से नहीं था तनाव
रानीला निवासी भरत सिंह ने पुलिस को बताया है कि उसकी बड़ी बेटी दीक्षा काफी होनहार थी। फौज से रिटायर होने के बाद वो बच्चों की पढ़ाई को लेकर ही चिंतित था। लेकिन दीक्षा ने कभी निराश नहीं किया। घर की किसी बात को लेकर उसे कोई तनाव नहीं था। उसे नहीं पता कि उसकी बेटी ने ऐसा कदम क्यों उठाया। भरत सिंह के अनुसार रोहतक आने के बाद दीक्षा की सहेलियों ने ही उन्हें बताया कि कोई दीपांशु राणा नाम का लड़का उसे काफी समय से परेशान कर रहा था।