रोहतक की छह बेटियों का देश की टॉप खिलाड़ियों की सूची में नाम दर्ज
जागरण संवाददाता रोहतक सरकार का लक्ष्य ओलंपिक 2024 व 202
जागरण संवाददाता, रोहतक : सरकार का लक्ष्य ओलंपिक 2024 व 2028 में देश के लिए अधिक से अधिक मेडल जीतने का है। इसके लिए खिलाड़ियों को तैयार करने पर अभी से फोकस किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर सरकार ने अलग अलग खेलों के टॉप खिलाड़ियों की सूची जारी की है। जिसमें रोहतक की छह बेटियों ने नाम शामिल हैं। जिनमें चार बॉक्सिग व दो कुश्ती खिलाड़ी हैं। सूची में सभी युवा खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर शामिल किया गया है। महिला पहलवानों की सूची में मानसी व पूजा गहलोत के नाम है। हालांकि पूजा मूल रूप से सोनीपत के फरमाणा गांव की है जबकि मानसी झज्जर के शेरिया गांव की है। लेकिन दोनों पहलवान काफी समय से रोहतक में ही रह रही हैं और छोटूराम स्टेडियम में मनदीप कोच के पास अभ्यास करती है। बता दें कि ओलंपिक 2016 में देश के लिए कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक के कोच भी मनदीप ही हैं और साक्षी भी पहले छोटूराम स्टेडियम में ही अभ्यास करती थी। उधर, बॉक्सिग में रुडकी गांव स्थित शहीद बैतून सिंह बॉक्सिग अकादमी में अभ्यास करने वाली इसी गांव की ज्योति गुलिया व प्रवीन के अलवा रिठाल की मंजू रानी व धामड़ गांव की अनामिका के नाम भी सूची में शामिल हैं। सभी खिलाड़ियों ने न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रोशन किया है। खिलाड़ियों का कहना है कि सरकार की ओर से जारी सूची में नाम का पता चलने पर बहुत खुशी मिली है। अब अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए ओर बेहतर अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही देश के लिए ओलंपिक मेडल जीतने का सपना भी पूरा हो सकेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन :
बॉक्सिग में ज्योति गुलिया, अनामिका और मंजू रानी 51 किलोग्राम में जबकि प्रवीन 60 किलोग्राम में खेलती है। वहीं, कुश्ती में कुश्ती में मानसी 57 किलोग्राम में जबकि पूजा गहलोत 53 किलोग्राम में खेलती हैं। सभी खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रोशन किया है। खिलाड़ियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। सरकार की ओर से अब इन खिलाड़ियों को और बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। जिससे देश के लिए मेडल जीतने का उनका सपना भी पूरा होगा औद पदक तालिका में भी भारत का नाम ऊपर आएगा।
- विजय हुड्डा, बॉक्सिग कोच, रुडकी । सरकार की खेल नीति अच्छी है। अब ये खिलाड़ी और अच्छे तरीके से अभ्यास कर सकेंगे। वहीं, सुविधाएं बढ़ने असर इनके खेलों में भी देखने को मिल सकेगा। देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीतने की उम्मीद बढ़ी है।
- मनदीप, कुश्ती कोच, छोटूराम स्टेडियम ।