रोहतक मिल की चीनी अब एक और पांच किलोग्राम की छोटी पैकिग में भी मिलेगी
जागरण संवाददाता रोहतक रोहतक मिल की चीनी अब एक और पांच किलोग्राम की छोटी पैकिग मे
जागरण संवाददाता, रोहतक :
रोहतक मिल की चीनी अब एक और पांच किलोग्राम की छोटी पैकिग में भी मिलनी शुरू हो गई है। मिल प्रबंधन का कहना कि अभी इनका उत्पादन ट्रायल के तौर पर किया जा रहा है। चीनी मिल भाली आनंदपुर रोहतक के प्रबंधन निदेशक मानव मलिक ने बताया कि मिल ने मार्केट में मांग को देखते हुए पांच किलोग्राम व एक किलोग्राम की छोटी पैकिग में चीनी का ट्रायल उत्पादन शुरू किया है। जल्द ही मार्केट में रोहतक मिल की चीनी छोटी पैकिग में भी उपलब्ध होगी। जिसकी गुणवत्ता निजी चीनी मिलों से बेहतर होगी। चीनी मिल ने इक्षु के नाम से चीनी के सैशे का ट्रायल उत्पादन भी शुरू किया है। सैशे में चीनी का उत्पादन करने वाली रोहतक मिल हरियाणा राज्य की पहली चीनी मिल होगी। वे शुक्रवार को बैठक में संबोधित कर रहे थे। चीनी मिल रोहतक की बोर्ड की बैठक मिल के चेयरमैन एवं उपायुक्त आरएस वर्मा की अध्यक्षता में हुई। जिसमें मिल के पिछले पेराई सत्र की उपलब्धियों एवं मिल को सफलता की नई उंचाईयों तक ले जाने के लिए भविष्य की योजनाओं पर मंथन किया। वहीं, उन्होंने कहा कि चीनी मिल का पेराई सत्र 2019-20 के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। मिल के पेराई सत्र 2019-20 का शुभारंभ चार दिसंबर को सहकारिता मंत्री डा. बनवारीलाल ने किया गया था। मिल में 30 अप्रैल तक कुल 149 दिन में 45.91 लाख क्विटल गन्ने की पेराई की गई। जिसकी कुल गन्ना भुगतान राशि 155 करोड़ 98 लाख 70 हजार रुपये बनती है। मिल की ओर से अब तक किसानों को 122 करोड़ 36 लाख 38 हजार रुपये की गन्ना राशि का भुगतान किया जा चुका है, जो कुल गन्ना भुगतान राशि का 78.44 प्रतिशत है। चीनी मिल रोहतक, हरियाणा प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों में किसानों को किए गए भुगतान का प्रतिशतता के हिसाब से प्रथम स्थान है।
मिल में लाखों क्विंटल चीनी का उत्पादन
मिल में इस पेराई सत्र के दौरान 4 लाख 43 हजार 721 क्विटल चीनी का उत्पादन हुआ, जिसकी रिकवरी प्रतिशतता 9.69 रही, जो पिछले पेराई सत्र से 0.12 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि मिल द्वारा हरियाणा पावर परचेज सेंटर को इस पेराई सत्र के दौरान 2 करोड़ 10 लाख 82 हजार यूनिट बिजली 6.17 रुपये प्रति यूनिट की दर से निर्यात की गई, जिसका कुल मूल्य 13 करोड़ 75 लाख रुपये बनता है।
जीपीएस सिस्टम से होगा गन्ने का सर्वे :
मलिक ने बताया कि इस वर्ष पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर मिल की ओर से अपने क्षेत्र के पांच गांव भाली, घड़ौंठी, जिदरान, मुरादपुर टेकना व बौंद खुर्द में गन्ने का सर्वे जीपीएस सिस्टम से करवाया जाएगा। इस प्रकार मिल प्रबंधन आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कार्य में पूर्ण पारदर्शिता लाने के लिए प्रयासरत है। मिल क्षेत्र के गन्ना किसानों की सर्वे बौंडिग, गन्ना भुगतान एवं किसानों का अन्य समस्त रिकार्ड ऑनलाइन किया जा चुका है।