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त्योहारी सीजन में नहीं मिलेगी जर्जर सड़कों से राहत, टेंडर में देरी, मरम्मत के कार्यो में भी लापरवाही

नगर निगम के अधिकारियों के दावे धरातल पर खरे नहीं उतरे। हालात यह हैं कि दो-दो लाख रुपये की लागत से हुए मरम्मत के कार्य कहीं अधूरे पड़े हैं तो कहीं हुए नहीं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 09:02 AM (IST)
त्योहारी सीजन में नहीं मिलेगी जर्जर सड़कों से राहत, टेंडर में देरी, मरम्मत के कार्यो में भी लापरवाही
त्योहारी सीजन में नहीं मिलेगी जर्जर सड़कों से राहत, टेंडर में देरी, मरम्मत के कार्यो में भी लापरवाही

जागरण संवाददाता, रोहतक : नगर निगम के अधिकारियों के दावे धरातल पर खरे नहीं उतरे। हालात यह हैं कि दो-दो लाख रुपये की लागत से हुए मरम्मत के कार्य कहीं अधूरे पड़े हैं तो कहीं हुए नहीं। जिन स्थानों पर मरम्मत के कार्य हो चुके हैं वहां लगातार गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आ रही हैं। दूसरी ओर त्योहारी सीजन के बावजूद जर्जर सड़कों से राहत मिलते हुए नहीं दिख रही। अभी टेंडर तक नहीं हो सके हैं।

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नगर निगम के अधिकारियों ने जून में दावे किए थे कि सभी जर्जर सड़कों के फोटो लिए जाएंगे। सभी आठ जेई, एसडीओ और एक्सईएन की ड्यूटी लगाने का दावा किया गया था। लेकिन धरातल पर किसी भी पार्षद को सड़कों पर मरम्मत कराने से पहले होमवर्क की जानकारी नहीं दी। सभी वार्डो में दो-दो लाख रुपये के टेंडर हुए। वहीं, अब सभी 22 वार्डों में फिर से चार-चार लाख के टेंडर होंगे। इस रकम से मरम्मत के कार्य होंगे। हालांकि फिर से मरम्मत के कार्य होने से पहले ही सवाल उठना शुरू हो गए हैं। वार्ड-11 के पार्षद कदम सिंह अहलावत ने शहर में हुए मरम्मत के कार्यों की निगरानी कराने की मांग की है।

तारकोल की सड़कों पर सीमेंट के पेच : कदम

वार्ड-11 के पार्षद कदम सिंह अहलावत का कहना है कि तारकोल की सड़कों पर सीमेंट के पेच लगा दिए गए हैं। सीमेंट के पेच लगने के बाद नियमानुसार पानी का छिड़काव हो। मरम्मत के कार्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि पार्षदों के यहां इस तरह से लापरवाही के साथ कार्य कराने थे तो दो-दो लाख क्यों खर्च किए। हमें तो ऐसा लग रहा है कि यह घपला सभी वार्डो में हुआ है। अधिकारियों से शिकायत करते हैं तो सुनवाई नहीं होती है। सोचने वाली बात है कि बड़े कामों में कितने गड़बड़ियां हुई होंगी। इन्होंने जांच की मांग करते हुए कहा कि एक बार सभी अधिकारी मौके पर आकर मरम्मत के कार्यो को देखें। अधिकारी बताएं कि कहां और कब फोटोग्राफी कराई गई। किस पार्षद को मरम्मत कार्यों से पहले पूछा गया। वर्जन

सभी वार्डो में दो-दो लाख रुपये की लागत से मरम्मत के कार्य हो चुके हैं। अब सभी 22 वार्डों में चार-चार लाख रुपये के कार्य कराने के लिए टेंडर होंगे। हमारा प्रयास यही है कि दीपावली से पहले जर्जर सड़कों पर कार्य पूरा करा दें। अब पार्षदों की मंजूरी के बाद ही मरम्मत के कार्यों का पेमेंट ठेकेदारों को होगा।

मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम

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मेरे वार्ड में मॉडल टाउन व भरत कालोनी के निकट वाली मुख्य सड़क पर 200 फीट का टुकड़ा टूटा पड़ा है। पिछले साल से ही लगातार नगर निगम में शिकायत कर रहा हूं लेकिन मरम्मत का कार्य नहीं हुआ। यह शहर के प्रमुख रास्तों को जोड़ने वाला मार्ग है। यहां नियमित तौर से हादसे भी हो रहे हैं।

अशोक खुराना, वार्ड-13 पार्षद कंचन खुराना प्रतिनिधि

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दो-दो लाख रुपये से क्या काम हो सकते हैं, खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है। फिर भी जो भी कार्य हुए थे वह मैंने खुद अपनी मौजूदगी में कराए थे।

सुरेश किराड़, पार्षद, वार्ड-6

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मेरे वार्ड में मरम्मत के कार्यों की जरूरत थी। फिर भी यहां कार्य नहीं हुए। अधिकारी पता नहीं जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं कि या फिर किसी की शह पर मेरे वार्ड से भेदभाव किया गया है।

अनिल कुमार, पार्षद, वार्ड-21


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