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चिटफंड के कारोबार के लिए पंजीकरण जरूरी, नियम तोड़े तो होगी कार्रवाई

चिटफंड के नाम पर निवेशकों से धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे। अब हर हाल में ऑनलाइन पंजीकरण कराकर ही कार्य करना होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 09:31 AM (IST)
चिटफंड के कारोबार के लिए पंजीकरण जरूरी, नियम तोड़े तो होगी कार्रवाई
चिटफंड के कारोबार के लिए पंजीकरण जरूरी, नियम तोड़े तो होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, रोहतक : चिटफंड के नाम पर निवेशकों से धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे। अब हर हाल में ऑनलाइन पंजीकरण कराकर ही कार्य करना होगा। रोहतक में तैनात चिटफंड के डिप्टी और सहायक रजिस्ट्रार सीधे तौर से निगरानी रखेंगे। अभी कुछ एजेंसियों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराए हैं। जो एजेंसी, व्यक्ति संस्थाएं पंजीकरण नहीं करा सके हैं वह चिटफंड का कार्य नहीं कर सकेंगे। कार्रवाई भी होगी।

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जिला योजना अधिकारी एवं चिट फंड कार्यालय में डिप्टी रजिस्ट्रार पद पर तैनात अनिल हुड्डा ने बताया है कि विकास भवन में चिट फंड कंपनियों के रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। लिखित में कोई भी व्यक्ति अवैध चिट फंड के कारोबार की शिकायत दे सकता है। कमरा नंबर-116 व कमरा नंबर-120 में आनलाइन पंजीकरण से संबंधित जानकारी, गोपनीय शिकायत भी दे सकेंगे। हुड्डा ने बताया है कि आनलाइन आवेदन के लिए 20 दस्तावेज तय हैं। जिसमें रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, फॉर्म-आइएनसी33, फॉर्म आइएनसी-34, डायरेक्टर की तैनाती के प्रमाण, चालान की रसीद, कंपनी के इनकम टैक्स से संबंधित पेन नंबर भी होना जरूरी है।

यह दस्तावेज भी चाहिए

बैंक में जमा धनराशि के दस्तावेज, दूसरे तैनात किए जाने वाले सदस्य, दूसरे तैनात होने वाले डायरेक्टरों के शपथ-पत्र, संपत्ति मालिक की ओर से अनापत्ति प्रमाण-पत्र, कार्यालय खोलने के साक्ष्य जैसे बिजली, पानी के बिल, किरायानामा, लीज एग्रीमेंट, रेंट की रसीद, कंपनी संचालन की पूरी योजना भी बतानी होगी। कार्यालय के अंदर व बाहर के फोटो, सभी डायरेक्टरों के पेन नंबर व आधार कार्ड, आइडी प्रूफ भी देने होंगे। सीए से हस्तारित सभी डायरेक्टरों के फोटो, सालाना टर्नओवर, फॉर्म-सीएफ-1 भी देना होगा।

ये नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई

1. नीलामी का समय, स्थान व तिथि पहले बताना अनिवार्य है।

2. चिट फंड, चिटि, कुरी शब्दों का उपयोग किया जा सकेगा।

3. ग्रुप का सदस्य बनने के लिए लेना होगा प्रमाण-पत्र जरूरी होगा।

4. इनामी राशि का हिस्सा बंटेगा, अभिलेखों का निरीक्षण कर सकेंगे सदस्य।

5. कैशलेस मोड पर होंगे सभी लेनदेन, लिखित में होंगे सारे अनुबंध।


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