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जनस्वास्थ्य विभाग और सिचाई विभाग में तालमेल नहीं, खड़ा हुआ जल संकट

जागरण संवाददाता रोहतक जनस्वास्थ्य विभाग विभाग और सिचाई विभाग के आपसी तालमेल के अभाव में श्

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 01:18 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:21 AM (IST)
जनस्वास्थ्य विभाग और सिचाई विभाग में तालमेल नहीं, खड़ा हुआ जल संकट
जनस्वास्थ्य विभाग और सिचाई विभाग में तालमेल नहीं, खड़ा हुआ जल संकट

जागरण संवाददाता, रोहतक : जनस्वास्थ्य विभाग विभाग और सिचाई विभाग के आपसी तालमेल के अभाव में शहरी जनता के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। जनस्वास्थ्य विभाग ने पानी का संकट बताते हुए शहरी क्षेत्र में सिर्फ सुबह के समय में ही पानी की आपूर्ति शुरू कर दी है। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि पानी की आठ के बजाय नहरी पानी मिलने में 15 दिन का गैप हो गया है, इसी कारण से परेशानी बढ़ गई है। दूसरी ओर, सिचाई विभाग ने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के दावे पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा कि जो रोस्टर तय है, उसी हिसाब से नहरी पानी में कटौती की गई है। अब बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर पेयजल कटौती की असल वजह क्या है। ऐसे समझें पेयजल संकट की कहानी

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यहां बता दें कि जेएलएन नहर की क्षमता करीब 3200 से 3400 क्यूसेक तक है। जबकि भालौठ नहर की क्षमता करीब आधी है। दोनों ही नहरों से पेयजल आपूर्ति का मुख्य तौर से शहरी क्षेत्र में इंतजाम होता है। यह भी बता दें कि भालौठ नहर से 24 दिन पेयजल आपूर्ति नहीं होती है। जबकि आठ दिन पेयजल आपूर्ति होती है। वहीं, जेएलएन नहर 16 दिन पेयजल आपूर्ति होती है, इतने ही दिन इस नहर से पेयजल आपूर्ति नहीं होती है। यदि जेएलएन नहर की बात करें तो नौ नवंबर को पेयजल आपूर्ति बंद हुई थी, जबकि 25 नवंबर को पेयजल शुरू होगी। वहीं, भालौठ नहर 13 नवंबर को बंद हुई थी, पांच दिसंबर को पानी इस नहर में आएगा। पांच के बजाय नहरी पानी के चार रोस्टर, फिर भी हालात बिगड़े

शहरी क्षेत्र में पानी की कटौती को देखते हुए डेढ़ साल पहले नहरी पानी की आपूर्ति के लिए पांच के बजाय चार रोस्टर तय किए गए थे। बड़ा सवाल उठ रहा है कि नहरी पानी के रोस्टर बदलने के बावजूद भी आखिर पानी की किल्लत क्यों नहीं दूर हो सकी। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास इस संबंध में कोई ठोस जवाब नहीं है कि नहरी पानी के रोस्टर बदले नहीं फिर भी पानी की किल्लत क्यों हैं। अफसरों का दावा, सामान्य ही आ रही हैं शिकायतें

जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सामान्य तौर से ही शिकायतें सामने आ रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि जनस्वास्थ्य विभाग को पांच जोन में बांटा जा चुका है। पेयजल और सीवरेज के मामलों की शिकायतें देने के लिए फोन नंबर भी जारी किए जा चुके हैं। एक्सईएन भानु प्रकाश का दावा है कि अभी तक पेयजल आपूर्ति को लेकर इतना संकट नहीं हैं, रूटीन की तरह ही शिकायतें आ रही हैं। इनका यह भी दावा है कि पेयजल आपूर्ति एक वक्त तो हो रही है। मेयर का दावा, सेक्टर-35 से मिल रहा पानी, नहीं तो हालात हो जाते खराब

निगम के मेयर मनमोहन गोयल का दावा है कि सेक्टर-35 से पेयजल आपूर्ति हो रही है। इसी साल लोकसभा चुनाव के बाद सेक्टर के जलघर से पानी की आपूर्ति शुरू की गई थी। इसलिए हालात सुधरे हुए हैं। यदि पेयजल आपूर्ति सेक्टर से नहीं होती तो हालात और ज्यादा खराब हो सकते थे। क्योंकि अभी शहरी चेत्र में कटौती के साथ पेयजल आपूर्ति हो रही है। मेयर का यह भी दावा है कि हमारी यही कोशिश है कि पेयजल आपूर्ति को लेकर और बेहतर इंतजाम रहें। वर्जन

भालौठ नहर पहले ही बंद है और जेएलएन नहर में 25 नवंबर को पानी आएगा। करीब 15 दिन का गैप होने के कारण जलघरों में पानी इकट्ठा किया जा रहा है। फिर भी हम सुबह के समय सभी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति कर रहे हैं।

भानु प्रकाश, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग

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भालौठ नहर को रोस्टर के हिसाब से ही बंद किया गया है, कोई अतिरिक्त कटौती नहीं है।

राम निवास, एक्सईएन, भालौठ नहर, सिचाई विभाग

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जेएलएन नहर का जो भी रोस्टर तय है, उसी हिसाब से कटौती की गई है। 25 नवंबर को पेयजल आपूर्ति रोस्टर के हिसाब से शुरू हो जाएगी।

अरुण मुंजाल, एक्सईएन, जेएलएन नहर, सिचाई विभाग


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