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दो दिन में प्रॉपर्टी टैक्स के बकायादार होटल, मैरिज पैलेस, अस्पतालों के क्षेत्रफल की होगी जांच, पांच टीमें गठित

जागरण संवाददाता रोहतक प्रॉपर्टी टैक्स के बकायादारों को लेकर नगर निगम प्रशासन एक्शन म

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 01:20 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:21 AM (IST)
दो दिन में प्रॉपर्टी टैक्स के बकायादार होटल, मैरिज पैलेस, अस्पतालों के क्षेत्रफल की होगी जांच, पांच टीमें गठित
दो दिन में प्रॉपर्टी टैक्स के बकायादार होटल, मैरिज पैलेस, अस्पतालों के क्षेत्रफल की होगी जांच, पांच टीमें गठित

जागरण संवाददाता, रोहतक : प्रॉपर्टी टैक्स के बकायादारों को लेकर नगर निगम प्रशासन एक्शन मोड़ में आ गया है। ट्रेड लाइसेंस को लेकर व्यापारियों के बढ़ते हुए विरोध को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने भी अगली रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। निगम प्रशासन की दो टूक है। फिलहाल पांच बिदुओं पर होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज पैलेस, अस्पतालों की जांच होगी। करीब 35-36 हजार कमर्शियल प्रतिष्ठानों में से अभी इन्हें ही चुना गया है। दो दिनों के अंदर जांच करने के लिए पांच टीमों का गठन कर दिया गया है। जांच के बाद ट्रेड लाइसेंस न लेने वाले, रिन्युअल न कराने वालों और प्रॉपर्टी टैक्स के बकाएदारों पर कार्रवाई हो सकती है। अगले चरण में अन्य कमर्शिय यूनिट हैं उनके ऊपर कार्रवाई होगी। दूसरी ओर, जिन सरकारी इमारतों पर बकाया है, उन्हें भी बकाया रकम जमा कराने के आदेश दिए गए हैं।

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इन पांच बिदुओं पर होगी जांच, इसके बाद कार्रवाई

नगर निगम की टैक्स ब्रांच के क्षेत्रीय कराधान अधिकारी जगदीश चंद्र ने बताया है जांच में कई अहम बिदु शामिल किए गए हैं। होटल, रेस्टोरेंट, बैक्वेंट हॉल, मैरिज पैलेस, अस्पतालों का कुल कितना क्षेत्रफल है। उनके मालिक कौन हैं, यदि इमारत किराए या फिर लीज पर है तो उनके असल मालिक कौन हैं इस बिदु पर जांच होगी। वहीं, किराए पर इमारत या फिर जमीन है तो किरायानामा, खुद की इमारत तो मालिकाना से संबंधित दस्तावेज देखे जाएंगे। जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि कुल बकाया कितना है और कब से है। प्रॉपर्टी टैक्स के बकाए के साथ ही ट्रेड लाइसेंस लिया गया है कि नहीं। लाइसेंस लिया गया तो कब-कब रिन्युयल कराया गया है, यह भी जांच का विषय होगा। 2010-2011 के डाटा में पाया गया अंतर, इसलिए जांच

सूत्रों का कहना है कि 2010-2011 में प्रॉपर्टी टैक्स का सर्वे हुआ था। उस दौरान कुल कमर्शियल इमारतों और मौजूदा यानी 2019-2020 के डाटा में अंतर पाया गया। इसलिए जांच का फैसला लिया गया है। निगम के सूत्रों का कहना है कि अभी जो भी होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज पैलेस और अस्पताल हैं, उनकी इमारतों में विस्तार हो चुका है। क्षेत्रफल भी बढ़ाया जा चुका है। इसलिए जांच के बाद असल स्थिति सामने आने पर ही नोटिस दिए जाएंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। अब बकाएदारों के नाम भी सार्वजनिक करेगा निगम प्रशासन

निगम प्रशासन का कहना है कि जो भी बकाएदार हैं वह तत्काल ही बकाया जमा कराएं। जिन्होंने ट्रेड लाइसेंस नहीं लिया है वह भी आगामी कार्रवाई शुरू कर दें। निगम अधिकारियों का कहना है कि 24 ऐसे बकाएदार हैं जिन्होंने इमारतें सील से पहले मोहलत मांगी थी। यदि संबंधित बकाएदार बकाया जमा नहीं कराएंगे और ट्रेड लाइसेंस नहीं लेंगी तो निजी और सरकारी संस्थानों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। निगम प्रशासन ने बकाया जमा कराने की शर्त ही राहत दी गई है। वर्जन

हमने सभी कमर्शियल प्रतिष्ठानों से सहयोग मांगा है। हर हाल में ट्रेड लाइसेंस लें या फिर रिन्युअल कराएं। जो भी प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है उसे भी जमा कराएं। बार-बार राहत दी जा रही है। निर्धारित अवधि के बाद कार्रवाई की जाएगी।

प्रदीप गोदारा, आयुक्त, नगर निगम

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नगर निगम प्रशासन व्यापारियों पर बेवजह ही दबाव बना रहा है। ट्रेड लाइसेंस को लेकर सरकार आश्वासन दे चुकी है कि राहत दी जाएगी फिर भी दबाव क्यों बनाया जा रहा है। किसी भी बाजार के व्यापारी सहयोग नहीं करेंगे। यदि व्यापारियों को यूं ही तंग किया गया तो बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।

गुलशन निझावन, प्रधान, पालिका बाजार

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सरकारी इमारतों पर बकाए को लेकर सख्ती शुरू हो गई है। दो सरकारी विभागों ने बकाया रकम जमा कराने के लिए कहा है। शेष विभागों के अधिकारियों ने संबंधित विभागों से मुख्यालयों से बकाया रकम जमा कराने के लिए बजट मांगा है।

जगदीश चंद्र, क्षेत्रीय कराधान अधिकारी, नगर निगम


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