प्रो. वीरेंद्र हुए कोर्ट में पेश, जयदीप धनखड़ और मान सिंह को पुलिस ने नहीं किए नोटिस जारी
जागरण संवाददाता रोहतक जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिसा भड़काने के मामले में बुधवार
जागरण संवाददाता, रोहतक : जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिसा भड़काने के मामले में बुधवार को सीजेएम आशीष कुमार की कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रो. वीरेंद्र पेश हुए। जबकि आरोपित मान सिंह और कांग्रेस के पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष जयदीप धनखड़ कोर्ट में पेश नहीं हुए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने पक्ष रखा कि पुलिस की तरफ से कोर्ट में पेश होने के लिए दोनों को नोटिस जारी नहीं किए गए थे। अब कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए चार जुलाई की तारीख दी है।
मामले के अनुसार, फरवरी 2016 में प्रदेश के कई जिलों में जाट आरक्षण आंदोलन हुआ था। इस दौरान आंदोलनकारियों ने रोहतक समेत आसपास के कई जिलों में जाम लगा दिया था। 19 फरवरी को आंदोलन ने हिसक रूप ले लिया था और 20-21 फरवरी को दूसरे जिलों में भी फैल गया था। इसी बीच एक विवादित ऑडियो वायरल हुई थी। इसके आधार पर भिवानी के रिटायर्ड कैप्टन पवन की तरफ से सिविल लाइन थाने में शिकायत दी गई थी कि हिसा भड़काने में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार प्रो. वीरेंद्र सिंह का हाथ है। इस मामले में जयदीप धनखड़ और मान सिंह को भी आरोपित बनाया गया है। प्रो. वीरेंद्र जमानत पर बाहर है, जबकि बाकी दोनों अग्रिम जमानत पर चल रहे हैं। पुलिस ने दस दिन पहले कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसके बाद बुधवार को सुनवाई हुई।
प्रो. वीरेंद्र कोर्ट में पेश हुआ है। जबकि जयदीप धनखड़ और मान सिंह को पुलिस की तरफ से नोटिस नहीं भेजा गया, जिससे वह कोर्ट में पेश हो सके। अब कोर्ट के आदेश पर नोटिस जारी हुए हैं। मामले की सुनवाई चार जुलाई को होनी है।
-आरसी दलाल, अधिवक्ता बचाव पक्ष
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