फर्जीवाड़ा कर दो जगह नौकरी के मामले में एफआइआर की तैयारी
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) के आर्थो विभाग के पीजी चिकित्सक के दो जगह नौकरी के मामले में अब एफआइआर की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर हेल्थ यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने एफआइआर के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है। माना जा रहा है कि जल्द ही प्रकरण में एफआइआर दर्ज करने की कार्रवाई हो सकती है।
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) के आर्थो विभाग के पीजी चिकित्सक के दो जगह नौकरी के मामले में अब एफआइआर की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर हेल्थ यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने एफआइआर के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है। माना जा रहा है कि जल्द ही प्रकरण में एफआइआर दर्ज करने की कार्रवाई हो सकती है।
पीजीआइ के आर्थो विभाग के पीजी चिकित्सक डा. गौरव द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट करने के साथ ही बॉक्सिग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआइ) में भी नौकरी करने का खुलासा हुआ था। जिसके बाद पिछले माह में बीएफआइ के अधिकारियों ने हेल्थ यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को पत्र लिखते हुए मामले में जांच करते हुए दस्तावेज मांगे थे। प्रकरण में अधिकारियों ने डीएमएस डा. संदीप को जांच सौंपी थी। जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि आरोपित चिकित्सक को विदेश जाने के लिए बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया था। चार बार में करीब दो माह तक विदेश में रहने के दौरान भी विभाग के अधिकारियों द्वारा उसकी उपस्थिति लगाई जाती रही थी। जांच अधिकारी ने विभाग के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई थी। साथ ही रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उपस्थिति रजिस्टर में कटिग के साथ ही अधिकारियों द्वारा अधिकार से अधिक कैजुअल लीव प्रदान की गई थीं। मामले में आपराधिक षडयंत्र का भी दावा करते हुए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी गई थी। अब मामले में उच्चाधिकारियों ने एफआइआर दर्ज कराने के लिए एसपी को पत्र लिखा है। बताया जा रहा है कि संस्थान के अधिकारी भी प्रकरण में कार्रवाई के लिए कानूनी राय ले रहे हैं। मामले में पीजीआइ निदेशक डा. रोहताश यादव से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। वर्जन ---
चिकित्सक के खिलाफ पत्र भेजे जाने की जानकारी मिली है, लेकिन अभी पीजीआइएमएस की ओर से दफ्तर में कोई पत्र नहीं मिला है। इसके लिए सोमवार को जानकारी लेकर ही कुछ कहा जा सकेगा। पत्र मिलने के बाद कानून के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नारायण चंद, डीएसपी