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पुलिसकर्मी पर पत्नी को जहर देने का आरोप, डीएसपी ने हटाई धारा, कोर्ट में तलब

दहेज उत्पीड़न और पत्नी को जबरदस्ती जहर पिलाने के मामले में आरोपित पुलिसकर्मी की जमानत याचिका लगने के बाद कोर्ट ने डीएसपी को तलब किया है। मामले में पहले जबरदस्ती जहर खिलाने की धारा जोड़ी गई जिसे डीएसपी ने जांच के बाद हटा दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 05:56 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 05:56 AM (IST)
पुलिसकर्मी पर पत्नी को जहर देने का आरोप, डीएसपी ने हटाई धारा, कोर्ट में तलब
पुलिसकर्मी पर पत्नी को जहर देने का आरोप, डीएसपी ने हटाई धारा, कोर्ट में तलब

विनीत तोमर, रोहतक

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दहेज उत्पीड़न और पत्नी को जबरदस्ती जहर पिलाने के मामले में आरोपित पुलिसकर्मी की जमानत याचिका लगने के बाद कोर्ट ने डीएसपी को तलब किया है। मामले में पहले जबरदस्ती जहर खिलाने की धारा जोड़ी गई, जिसे डीएसपी ने जांच के बाद हटा दिया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट ने सभी तथ्यों को देखते हुए डीएसपी को तलब किया है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि धारा क्यों हटाई गई। साथ ही आरोपित पुलिसकर्मी की जमानत याचिका पर भी फिलहाल कोई फैसला नहीं दिया।

मामले के अनुसार, कलानौर के एक गांव की रहने वाली युवती ने फरवरी 2020 में एसपी को दी शिकायत में बताया था कि उसकी शादी दिसंबर 2018 में आर्य समाज मंदिर रोहतक में हुई थी। उसका पति राकेश कुमार पंजाब पुलिस में कार्यरत है जो मूलरूप से रोपड़ जिले के गांव कल्याणपुर का रहने वाला है। शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोगों ने दहेज को लेकर परेशान करना शुरू कर दिया था। उसके साथ मारपीट भी की जाने लगी। सितंबर 2019 में पीड़िता ने पंजाब के कुराली थाने में मारपीट और दहेज की शिकायत दे दी।

20 जनवरी को पीड़िता अपने पिता के साथ थाने में पहुंची। वहां पीड़िता और उसके पति को बातचीत करने के लिए अन्य पुलिसकर्मियों ने अलग कमरे में बैठा दिया। इसी बीच उसके पति ने जेब से शीशी निकालकर उसे जबरदस्ती जहरीला पदार्थ पिला दिया और बाद में कह दिया कि इसने खुद जहर पिया है। पीड़िता को पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया। वहां भी पुलिस के सामने पीड़िता ने पति के खिलाफ बयान दिए, लेकिन पंजाब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

शिकायत के बाद मार्च माह में कलानौर थाने में यह मामला दर्ज किया गया। इसमें दहेज उत्पीड़न से लेकर अन्य धाराएं लगाई गई। जांच के बाद 13 जुलाई को धारा-328 (जबरदस्ती जहरीला पदार्थ देना) भी जोड़ दी गई। मामले की जांच डीएसपी ने की। इसके बाद डीएसपी ने धारा-328 हटा दी। आरोपित ने धारा हटने को बताया जमानत का आधार

यह धारा हटने के बाद आरोपित की तरफ से रोहतक कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर दी गई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने पाया कि धारा-328 पहले इस केस में जोड़ी गई और फिर हटा दी गई। दस्तावेजों में ऐसा कोई ठोस तथ्य भी नहीं मिला जिससे यह स्पष्ट हो सके कि धारा क्यों हटाई गई है। ऐसे में कोर्ट ने डीएसपी को पेश होने के लिए आदेश दिए हैं। आगामी तारीख पर डीएसपी को बताना होगा कि धारा हटाने के पीछे की वजह क्या है। इसके बाद ही आरोपित की जमानत याचिका पर फैसला दिया जाएगा।


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