पुलिस पर आरोपित को बचाने के लगाए आरोप, एसआइटी जांच कराने की मांग
कांस्टेबल की पत्नी की मौत मामले में जांच न करने पर सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह ने एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) और दूसरे राज्य की पुलिस से जांच की मांग की।
जागरण संवाददाता, रोहतक : पीटीसी सुनारिया में एक कांस्टेबल की पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस की ओर से हत्या के एंगल से जांच न करने पर सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह ने एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) और दूसरे राज्य की पुलिस से जांच की मांग की। एपी सिंह जो पीड़ित पक्ष के वकील भी हैं ने आरोप लगाया कि आरोपित हरियाणा पुलिस में कार्यरत है, उसका पक्ष लेते हुए पुलिस खुद जांच को कमजोर कर रही है। हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद हत्या के एंगल से जांच नहीं की जा रही। मृतक के पिता को आरोपित पुलिस होने की दबंगई तक दिखा रहा है।
मैना टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स में प्रेसवार्ता करते हुए एपी सिंह ने कहा कि उनके मुव्वकिल सुंदर लाल की बेटी मनीषा की हत्या उसके पति कांस्टेबल विकास, ससुर, सांस व नंदोई अमित ने की है। जिसके सुबूत भी मौजूद है। शादी के बाद से ही विकास व उसके परिवार वाले दहेज के लिए परेशान करते थे। कई बार गाड़ी व अन्य मांग बेटी की ससुराल से हुई। हरियाणा पुलिस में भर्ती को लेकर मांगने पर सुंदर लाल ने चार लाख रुपये विकास व उसके परिवार को दिए थे। जिसकी बैंक स्टेटमेंट मौजूद है। इसके बाद भी बेटी के ससुराल से दहेज की मांग होती रहती थी। पीटीसी क्वार्टर में पति, सास, ससुर व ननद और नन्दोई ने मिलकर हत्या कर मनीषा को फांसी पर लटका दिया गया। ताकि, मामला आत्महत्या का लगे। सुबूतों के बावजूद आरोपित नन्दोई व ननद को पूरी तरह से केस से बाहर किया जा रहा है। पिता ने कहा कि आत्महत्या का मामला बनाकर सभी को बचाने की कोशिश की जा रही है। मनीषा ने हत्या से कुछ दिन पहले ससुराल में उसके साथ मारपीट, दहेज की मांग आदि की बातें फोन पर बताई थी। हत्या वाले दिन की वीडियो रिकॉर्डिग, फोटो व अन्य सभी सुबूत हैं लेकिन, पुलिस आरोपित को बचाने की कोशिश में जुटी हुई है। पीड़ित पक्ष के लिए वकील ने सुरक्षा की भी मांग की।