फिर फंसे पीजीआइ अधिकारी, कोर्ट ने पुलिस से मांगी 202 की रिपोर्ट
जागरण संवाददाता रोहतक पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) के अि
जागरण संवाददाता, रोहतक : पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) के अधिकारियों को अब एक बार फिर से कोर्ट के आदेश पर पसीना आ रहा है। दरअसल संस्थान के ही एक अधिकारी ने भ्रष्टाचार, जांच के आदेश के बाद कार्रवाई न करना और गलत तरीके से पदोन्नति करने के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया था। सीजेएम ने मामले में 18 अगस्त की तारीख लगाते हुए संबंधित पुलिस अधिकारी से रिपोर्ट तलब की है।
पीजीआइएमएस के एक चिकित्सक ने एक स्टाफ नर्स को फर्जीवाड़ा कर छुट्टी देने, हॉस्टल में भ्रष्टाचार, अवैध रूप से पदोन्नति करने समेत अन्य आरोप लगाते हुए मामले में कार्रवाई के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा था। साथ ही स्टाफ नर्स को छुट्टी देने की फाइल चोरी होने के मामले में पुलिस को भी शिकायत दी थी। इसके बाद संस्था के अधिकारियों ने जांच टीम का गठन किया था, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद पीड़ित चिकित्सक ने कोर्ट में धारा 156 तीन के तहत वाद दायर किया था। वादी पक्ष के अधिवक्ता सुशील पांचाल ने बताया कि बुधवार को प्रकरण की सुनवाई सीजेएम ने करते हुए संबंधित पुलिस एसएचओ को निर्देश दिए हैं कि प्रकरण में 18 अगस्त तक 202 की रिपोर्ट पेश की जाए। मामले में चिकित्सक द्वारा आरोपित स्टाफ नर्स, फर्जीवाड़ा करने वाले तत्कालीन निदेशक, डीएमएस, जांच अधिकारी और वर्तमान निदेशक को भी पार्टी बनाया है। अब 18 अगस्त को कोर्ट द्वारा पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि माना जा रहा है कि पूर्व में सभी आरोपों को अधिकारियों द्वारा एक बार दस्तावेजों में भी स्वीकार किया जा चुका है। जिसके चलते अधिकारियों का एक बार फिर से कोर्ट में फंसना तय माना जा रहा है।