Move to Jagran APP

फर्जी बीमा क्लेम लेने के मामले में पीजीआइ कंप्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तार, अफसर अनजान

जागरण संवाददाता रोहतक अंतिम स्टेज वाले कैंसर मरीजों के बीमा कराकर उनका फर्जी तरीके

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 07:15 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 06:32 AM (IST)
फर्जी बीमा क्लेम लेने के मामले में पीजीआइ कंप्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तार, अफसर अनजान
फर्जी बीमा क्लेम लेने के मामले में पीजीआइ कंप्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तार, अफसर अनजान

जागरण संवाददाता, रोहतक : अंतिम स्टेज वाले कैंसर मरीजों के बीमा कराकर उनका फर्जी तरीके से क्लेम लेने और पीजीआइएमएस से मरीजों की फाइल जलाने के मामले में स्टेट क्राइम ब्रांच की टीम ने एक कंप्यूटर ऑपरेटर को गिरफ्तार किया है। आरोपित की गिरफ्तारी के बाद भी पीजीआइ के अधिकारी पूरे मामले से अनजान बने हुए हैं। जबकि कंप्यूटर ऑपरेटर की गिरफ्तारी के मामले में अधिकारियों का कहना है कि पीजीआइ से आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

loksabha election banner

सोनीपत एसटीएफ ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर कैंसर पीड़ितों का बीमा कराकर फर्जी तरीके से क्लेम लेने की घटना का खुलासा किया था। जिसके बाद आरोपितों ने कबूल किया था कि वह पीजीआइ के कैंसर वार्ड से मरीजों का डाटा निकलवाते थे। साथ ही बीमा क्लेम लेने के बाद मरीजों की फाइलों को जलवा देते थे। बीमा क्लेम के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने पर पीजीआइ अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। अब बताया जा रहा है कि स्टेट क्राइम ब्रांच ने मामले में जांच पड़ताल करते हुए पीजीआइ के कैंसर वार्ड में आउट सोर्सिंग पर तैनात प्रदीप नामक कंप्यूटर ऑपरेटर को गिरफ्तार किया है। चर्चा है कि आरोपित को उसके घर से गिरफ्तार किया गया है। हालांकि पीजीआइ प्रबंधन पूरे मामले में अनभिज्ञता जता रहा है। अंतिम स्टेज वाले कैंसर पीड़ितों का कराते थे बीमा

सोनीपत में गिरफ्तार आरोपितों ने पुलिस को बताया था कि वह पीजीआइ से अंतिम स्टेज वाले कैंसर पीड़ितों का ब्योरा लेते थे। इसके बाद वह उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें बीमा क्लेम दिलाने का लालच देकर उनका बीमा कराते थे। इसके बाद मरीज की सड़क दुर्घटना में फर्जी तरीके से मौत दर्शाकर क्लेम के लिए आवेदन करते थे। इस दौरान वह पुलिस जांच अधिकारी और पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक को घूस देकर अपनी मनमर्जी की रिपोर्ट तैयार कराते थे। जिसके बाद क्लेम स्वीकार होने पर लाखों रुपये का फायदा उठाते थे। कोई भी टीम किसी आरोपित को गिरफ्तार करेगी या कोई रिकॉर्ड जांच के लिए लेगी तो पहले वह अधिकारियों से संपर्क करेगी। अभी तक किसी भी टीम ने पीजीआइ अधिकारियों से कोई संपर्क नहीं किया है। जिसके चलते कंप्यूटर ऑपरेटर की गिरफ्तारी को लेकर कुछ भी कहना संभव नहीं है।

डा. रोहताश यादव, निदेशक पीजीआइएमएस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.