बिना अंडरटेकिग और सर्वे किए होम आइसोलेट किए जा रहे हैं मरीज
कोविड संक्रमित होम आइसोलेट किए जाने वाले मरीजों के साथ बड़ी लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है कि पीजीआइ प्रशासन द्वारा होम आइसोलेशन के लिए आवश्यक अंडरटेकिग फार्म न तो भरवाया जा रहा है और न ही होम आइसोलेशन से पहले सर्वे किया जा रहा है। जो भविष्य में जिले के लिए बड़ा संकट बन सकता है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रविवार शाम तक जिले में 173 मरीजों को होम आइसोलेट किया जा चुका है।
- फिलहाल जिले के 111 मरीजों को किया गया है होम आइसोलेट
- पीजीआइ अधिकारियों द्वारा बिना कार्रवाई के मरीजों को आइसोलेट करना बड़ी मुसीबत
- नियमानुसार पहले मरीज के घर का सर्वे होना चाहिए और अंडरटेकिग लेनी आवश्यक
- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैठक कर समस्या से कराया अवगत पुनीत शर्मा, रोहतक : कोविड संक्रमित होम आइसोलेट किए जाने वाले मरीजों के साथ बड़ी लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है कि पीजीआइ प्रशासन द्वारा होम आइसोलेशन के लिए आवश्यक अंडरटेकिग फार्म न तो भरवाया जा रहा है और न ही होम आइसोलेशन से पहले सर्वे किया जा रहा है। जो भविष्य में जिले के लिए बड़ा संकट बन सकता है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रविवार शाम तक जिले में 173 मरीजों को होम आइसोलेट किया जा चुका है।
मई माह के प्रथम सप्ताह में केंद्र सरकार ने एसिप्टोमेटिक और माइल्ड वायरस वाले मरीजों को होम आइसोलेट करने के निर्देश दिए थे। साथ ही इसके लिए गाइडलाइन भी तय की थी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि गाइडलाइन का पालन करने वाले मरीजों को ही होम आइसोलेट किया जाए। इसके बाद फिलहाल जिले में 173 मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में मरीजों से अंडरटेकिग (फार्म भरवाना) ही नहीं ली गई है। इसके अलावा होम आइसोलेट करने से पहले मरीजों के घरों का सर्वे भी नहीं कराया गया। जिसके चलते अधिकारियों की मुसीबत बढ़ी हुई हैं। इसके लिए पीजीआइएमएस के अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिग में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने समस्या के समाधान को लेकर भी चर्चा की। स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीजों से फोन पर ले रही फीडबैक
सिविल सर्जन के मुताबिक होम आइसोलेट किए गए मरीजों से फीडबैक लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात की गई है। कंट्रोल रूप में टीम तैनात करते हुए क्षेत्रवार अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि मरीजों से प्रतिदिन फीडबैक लिया जा सके। साथ ही मरीजों को आने वाली समस्याओं का समाधान और किसी आपात स्थिति में एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई जा सके। वर्जन
होम आइसोलेट किए जाने वाले मरीजों की अंडरटेकिग संबंधी कुछ समस्याएं थीं। वीडियो कांफ्रेंसिग में इन समस्याओं पर चर्चा करते हुए समाधान की तैयारी की गई है। मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जब उन्हें लेने के लिए एंबुलेंस जाएगी तो इसी दौरान टीम सर्वे भी करेगी, ताकि होम आइसोलेशन की संभावना को तलाशा जा सके।
- डा. अनिल बिरला, सिविल सर्जन