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अभिभावक बेटियों को न समझें बोझ : इंदु परमार

जागरण संवाददाता, रोहतक : आज हमें बेटियों को पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ाना चाहिए। इसके साथ

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 06:46 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 06:46 PM (IST)
अभिभावक बेटियों को न समझें बोझ : इंदु परमार
अभिभावक बेटियों को न समझें बोझ : इंदु परमार

जागरण संवाददाता, रोहतक : आज हमें बेटियों को पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही हमें बेटियों के प्रति अपनी सोच को बदलना होगा। तभी हमारा समाज आगे बढ़ेगा। यह बात रीति संगम एजुकेशन एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी की प्रदेशाध्यक्ष इंदु परमार गांव बौंद में महिलाओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज कुछ रूढि़वादी लोग बेटियों को बोझ समझते हैं, जोकि गलत है। बेटियां देश की शान हैं। बेटियां दो घरों को संवारती हैं। एक तो अपने पिता का और दूसरा अपने पति का। वह दुख की घड़ी में भी धैर्य से काम लेती हैं और मुसीबत के समय भी नहीं घबराती है। आए दिन अपराध इतना बढ़ गया है। जिसके चलते लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। इसके लिए सरकार महिलाओं के लिए सख्त कानून बनाए। जिसे वे इस समाज में सिर उठाकर जी सके। आज महिलाएं किसी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। वह पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं। इसलिए समाज के लोगों को महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा और जिसे नारी को सम्मान मिल सके। इस दौरान सीमा, सुनीता, बिमला, यशोदा, निर्मला, मोनिका, रूचिका, कुलवंती सहित अनेक ग्रामीण महिलाएं मौजूद रही।

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