अधिकारियों के आदेश हवा, 20 से अधिक स्कूलों में अब तक नहीं लगी सेनेटरी पैड इंसीनरेटर मशीनें
जागरण संवाददाता, रोहतक : सरकार व आला अधिकारियों की ओर से स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने
जागरण संवाददाता, रोहतक : सरकार व आला अधिकारियों की ओर से स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं शुरू की जा रही है। लेकिन धरातल पर उनका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। ऐसी ही एक योजना जिला के कन्या स्कूलों में सेनेटरी पैड इंसीनरेटर मशीनें लगाने की थी। जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से रोहतक में 25 से अधिक कन्या स्कूलों में सेनेटरी पैड इंसीनरेटर मशीनें लगाई जानी थी। सूत्रों की मानें तो यह मशीनें मार्च के अंत तक स्कूलों में लगाए जाने के निर्देश स्कूलों को दिए गए थे। एक माह बाद भी 20 से अधिक स्कूलों में यह मशीनें नहीं लगाई गई हैं। ऐसे में साफ है कि स्कूल मुखियाओं की तरफ से रुचि न दिखाने के चलते ही स्कूलों में अब तक भी इन मशीनों को नहीं लगाया गया है। जबकि यह मशीनें एक महीने से भी अधिक समय पहले ही तमाम स्कूलों में भेज दी गई थी। माहवारी के दिनों में इस्तेमाल होने वाले सेनेटरी पैड को नष्ट करने के लिए स्कूलों में ये मशीनें लगाई जानी थी। ताकि सरकारी स्कूलों की छात्राओं को स्कूल में ही इसकी सुविधा मिल सके। इसका शुभारंभ डेढ़ माह पहले हिसार रोड स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अतिरिक्त उपायुक्त व शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया था। करीब साढ़े 3 लाख खर्च कर मशीनें मंगाई गई थी। जिनको उसी समय स्कूलों में भेज दिया गया था। होता है पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण को मद्देनजर रखते हुए स्कूलों में इस प्रकार की मशीनें लगाई गई थीं। ताकि प्रयोग किए गए सेनेटरी पैड को नष्ट करने में धुआं भी न फैले और पर्यावरण में प्रदूषण भी न हो। स्कूलों में बिजली से चलने वाली ये मशीनें मार्च में ही लगाई जानी थी, लेकिन सरकारी स्कूलों के प्रबंधन की ढिलाई के चलते अब भी सभी स्कूलों में ये नहीं लगाई गई हैं। चयन किए गए सभी स्कूलों में सेनेटरी पैड इंसीनरेटर मशीनें लगाए जाने को लेकर निरीक्षण किया जा रहा है और मशीनें लगाए जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। कुछ स्कूलों में मशीनें लगी हैं जबकि कुछ में अभी तक नहीं लगी है, जिनसे जवाब तलब किया गया है। एक सप्ताह में सभी स्कूलों में मशीनें लगवा दी जाएंगी। सरकार की योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
- रामअवतार शर्मा, डीपीसी, रोहतक ।