अधर में लटके 244 प्लाट मालिकों के कब्जे, सीवरेज से लेकर गर्मियों में पानी तक के इंतजाम नहीं
जागरण संवाददाता रोहतक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की मनमानी के खिलाफ
जागरण संवाददाता, रोहतक : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की मनमानी के खिलाफ एक बार फिर से सेक्टर-27 सनसिटी वालों का गुस्सा सामने आने लगा है। सेक्टर वालों ने कड़ी नाराजगी जताते हुए फिर से मोर्चा खोलने की चेतावनी दी है। सेक्टर वालों को आपत्ति है कि खून पसीने की करीब 10 साल पहले प्लाट की रकम जमा करा चुके हैं। लेकिन 631 में से 244 प्लाट मालिकों को अभी तक कब्जे नहीं मिल सके। जिन 431 प्लॉट मालिकों को कब्जे मिल चुके हैं, उनके लिए बेहतर संसाधन तक मुहैया नहीं हो सके हैं। यह हाल तब है कि सभी प्लॉट मालिक 3000 प्रति गज तक के हिसाब से एन्हांसमेंट की रकम जमा करा चुके हैं। 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने दी थी प्लॉट मालिकों को राहत
दिल्ली रोड स्थित सेक्टर-27 को विकसित करने के लिए लुभावने सपने दिखाए। करीब 12-14 साल पहले पूरी पेमेंट लेकर प्लॉट खरीद लिए, तभी से लोगों के लिए मुसीबत शुरू हुई। कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2016 मे प्लाट धारकों को राहत दी थी। एक साल के अंदर मौजूदा दामों पर उपभोक्ताओं को प्लाट देने का फैसला सुनाया। यह भी आदेश दिए कि एचएसवीपी ही अब सेक्टर को विकसि करेगा। इसलिए विकास प्राधिकरण ने सेक्टर को विकसित करने के लिए फिर से सेक्टर वालों पर एन्हांसमेंट का बोझ डाला। वह रकम भी जमा करा दी गई। सेक्टर वालों का दर्द है कि दोबारा से रकम जमा कराने के बावजूद राहत नहीं मिली। छह माह पहले कड़े संघर्ष के बाद 431 को मिले थे कब्जे
सेक्टर-27 सनसिटी संघर्ष समिति के प्रधान दिनेश मलिक ने बताया है कि करीब छह माह पहले 431 प्लॉटों को बिना डेवलपमेंट के फिजिकल पजेशन यानी कब्जे दिए गए। प्लॉट मालिक अपने मकानों को बनाने में पानी बिजली के लिए मशक्कत करनी पड़ रही हैं। अभी तक ठीक से बिजली, सीवरेज, पेयजल आपूर्ति तक के इंतजाम नहीं हो सके हैं। अवैध खनन के अलावा आसपास खाली प्लॉट में खेती हो रही है। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को इस प्रकरण में संघर्ष समिति कई दफा अवगत करा चुकी है। फिर भी किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हो सकी है। सड़कों की हालात यह है कि पैदल भी चलना मुश्किल होता है। बीपीएल फ्लैट तक में सुविधाएं नहीं, बैठक में बनाएंगे रणनीति
प्लॉट मालिक सुविधाएं और कब्जा पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इनका यह भी दावा है कि बीपीएल परिवारों के लिए जो फ्लैट हैं, उनमें भी सुविधाएं नहीं हैं। पेयजल आपूर्ति के ठीक इंतजाम नहीं हैं। पानी की सुविधा बेहतर न होने से घरों के निर्माण के साथ ही यहां रहने वाले भी परेशान हैं। क्योंकि बिना पानी के गर्मियों के सीजन में रहना भी मुश्किल हो रहा है। यह भी फैसला लिया है कि सभी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों व प्लॉट मालिकों के साथ जल्द बैठक होगी।