नर्सरी को बरसात के चलते नुकसान, 80 फीसद पौध को नुकसान
जागरण संवाददाता, रोहतक चार दिनों से हो रही बरसात का असर अब फसलों पर होने लगा है। ह
जागरण संवाददाता, रोहतक
चार दिनों से हो रही बरसात का असर अब फसलों पर होने लगा है। हालात यह हो गए हैं कि जड़ वाली फसलों को भारी नुकसान हुआ है। उद्यान विभाग का दावा है कि पौध वाली फसलों को 80 फीसद तक नुकसान हुआ है। हालात यह हैं कि गाजर, मूली, मिर्च, टमाटर, फूलगोभी की पौध खराब हो गई है। हालांकि सर्वे करने के लिए कहा गया है। सर्वे के बाद असल नुकसान का ब्योरा तैयार होगा।
उद्यान विभाग के विषय वस्तु विशेषज्ञ डा. जगदीश राय कहते हैं कि गाजर की खेती यहां बड़े पैमाने पर होती है। रोहतक, महम और कलानौर के करीब 12 गांवों में गाजर की खेती होती है। इनका कहना है कि करीब 250 एकड़ क्षेत्रफल में पौध थी। सितंबर के आखिरी सप्ताह में संबंधित पौध लगाने का कार्य होना था। जिससे अक्टूबर के आखिर तक फसलें तैयार हो सकती थीं। लेकिन अब 80 फीसद तक नुकसान का अभी बरसात को देखते हुए आंकलन किया गया है। इन्होंने कहा है कि इसका नुकसान यह होगा कि भविष्य में सब्जियों का रकबा प्रभावित हो सकता है। हालांकि इन्होंने विकल्प बताया है कि जिन्होंने नर्सरी तैयार की थीं, वह बरसात की चपेट में आ चुकी हैं। लेकिन भविष्य नर्सरी बाहर से मंगवाई जा सकती हैं। यह भी बता दें कि रोहतक में तैयार होने वाले टमाटर की बाहरी देशों में भी डिमांड है।
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नर्सरी करीब 250 एकड़ जमीन में थी। फिलहाल नर्सरी बरसात की चपेट में आ चुकी है। अब दो ही विकल्प हैं। किसान बाहर से नर्सरी खरीदने को मजबूर होंगे या फिर रकबा प्रभावित होगा। अभी नुकसान का सही आंकलन सर्वे के बाद ही पता चलेगा। बरसात थमने के बाद हर विकासखंड का ब्योरा तैयार करेंगे।
डा. जगदीश राय, विषय वस्तु विशेषज्ञ, उद्यान विभाग।