अब बगैर रीडिग के ज्यादा बिल थमाने के आरोप, फिर मांगी जाती है रिश्वत
बिजली निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें थम नहीं रहीं हैं। एक बार फिर से सिंहपुरा के ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। यह भी मांग की है कि जिन अधिकारियों-कर्मचारियों पर आरोप उनके खिलाफ केस दर्ज किए जाएं। यह भी आरोप हैं कि बगैर रीडिग के कई गुना अधिक रकम के बिल थमा दिए जाते हैं।
जागरण संवाददाता, रोहतक : बिजली निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें थम नहीं रहीं हैं। एक बार फिर से सिंहपुरा के ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। यह भी मांग की है कि जिन अधिकारियों-कर्मचारियों पर आरोप उनके खिलाफ केस दर्ज किए जाएं। यह भी आरोप हैं कि बगैर रीडिग के कई गुना अधिक रकम के बिल थमा दिए जाते हैं। बिल ठीक करवाने जाते हैं तो इसके एवज में बिजली कार्यालय में बुलाकर रिश्वत की मांग की जाती है। जो रिश्वत दे देते हैं उनके बिल ठीक कर दिए जाते हैं। हालांकि अधिकारियों ने ग्रामीणों के आरोपों को झूठ का पुलिदा बताया, यह भी कहा कि ग्रामीण खुद पर लगे केस से बचने के लिए रोज-रोज झूठी कहानियां गढ़ रहे हैं। इससे विभाग की छवि को भी ठेस पहुंच रही है।
सिंहपुरा के पूर्व सरपंच ऋषिपाल, रामकिशन, राजा मोखरा, धर्मबीर, प्रकाश आदि ने आरोप लगाए हैं कि हमें सूचना मिली है कि कुंडी लगाकर महीनेदारी की रिश्वत लेकर कुंडे लगवाकर सीधे तार से बिजली चोरी कराई जाती है। मीटर जलने के बाद सरकारी खजाने में जमा होने वाले शुल्क को जमा नहीं कराया जाता, पैसे लेकर दूसरा मीटर लगवा दिया जाता है। यह भी आरोप लगाए हैं कि ड्यूटी वाले कर्मचारियों से अलग टीम बनाकर कुंडी लगे हुए घरों में छापेमारी करके भारी जुर्माना लगा दिया जाता है। जो व्यक्ति मोटी रिश्वत देते हैं उनके ऊपर जुर्माना नहीं लगाया जाता। जो रिश्वत नहीं देते हैं उनके ऊपर भारी जुर्माना लगा दिया जाता है। मीटर खंबों के बाहर लगे हुए हैं फिर भी रात के वक्त बिजली निगम की टीम रात में घुसकर वीडियो बनाती है। पूर्व सरपंच ऋषिपाल ने आरोप लगाए हैं कि गांव वालों को मोटा जुर्माना लगाने की धमकी दी जाती है और पैसे भी ऐंठे जाते हैं। हर गांव में पुलिस के माध्यम से एफआइआर दर्ज कराकर जांच कराई जाए। जहां-जहां इन कर्मचारियों ने ड्यूटी की है ताकि सभी गांवों के लोगों को इनके भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके। यह भी जांच की जाए कि हर गांव में कितने घरों में बिजली चोरी कराई जाती है और कितने घरों का बिल सरकार ने जमा कराया है इसका ब्योरा तैयार हो। इस प्रकरण में सरकार जांच कराए। यह ग्रामीणों ने यह भी मांग की है कि रिश्वत के माध्यम से जोड़ी गई चल-अचल संपत्ति की सभी कर्मचारियों की जांच हो। आय से अधिक संपत्ति मिलने पर संबंधित कर्मचारियों की संपत्ति जब्त हो।