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हॉस्टल से सामान ले जाने के लिए जारी किया नोटिस, विरोध में उतरे विद्यार्थी संगठन

- एमडीयू प्रशासन ने 25 जून तक ब्वायज हॉस्टल से सामान उठाने के लिए निर्देश दिए जागरण संवाददाता रोहतक महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) प्रशासन के ब्वायज हॉस्टल के छात्रों को कमरों से सामान उठाने के विवि के फैसले के विरोध में विद्यार्थी संगठन उतर गए हैं। विद्यार्थियों ने विवि प्रबंधन के फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया है। बता दें कि एमडीयू प्रशासन ने छात्रों को 25 जून तक हॉस्टल के कमरों से सामान उठाने के लिए नोटिस जारी किया है। नोटिस के अनुसार यूजी पीजी एमफिल और पीएचडी के फाइनल सेमेस्टर के विद्यार्थियों को छोड़कर सभी को कमरे खाली करने के निर्देश हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 08:29 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 06:23 AM (IST)
हॉस्टल से सामान ले जाने के लिए जारी किया नोटिस, विरोध में उतरे विद्यार्थी संगठन
हॉस्टल से सामान ले जाने के लिए जारी किया नोटिस, विरोध में उतरे विद्यार्थी संगठन

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) प्रशासन के ब्वायज हॉस्टल के छात्रों को कमरों से सामान उठाने के विवि के फैसले के विरोध में विद्यार्थी संगठन उतर गए हैं। विद्यार्थियों ने विवि प्रबंधन के फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया है। बता दें कि एमडीयू प्रशासन ने छात्रों को 25 जून तक हॉस्टल के कमरों से सामान उठाने के लिए नोटिस जारी किया है। नोटिस के अनुसार यूजी, पीजी, एमफिल और पीएचडी के फाइनल सेमेस्टर के विद्यार्थियों को छोड़कर सभी को कमरे खाली करने के निर्देश हैं।

छात्र युवा संघर्ष समिति के अध्यक्ष लोकश ने कहा कि विवि प्रबंधन का फैसला छात्रों की जान को खतरे में डाल देगा। अनलॉक के बाद लगातार कोरोना संक्रमितों के केस बढ़ रहे हैं। परिवहन पूरी तरह से शुरू नहीं हुआ है। दूसरे राज्यों से भी छात्र हॉस्टल में रहते हैं। ऐसे में इस तरह का फैसला तर्क से परे है। विवि प्रशासन के इस फैसले के विरोध में छात्र संघर्ष करेंगे। अखिल भारती विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य व विद्यार्थी संघ के पूर्व सचिव मनीष कुमार ने कहा कि हॉस्टल खाली कराने का निर्णय छात्रों के हित में नहीं है। बस और ट्रेन पूरी तरह से चालू नहीं हुई हैं। एबीवीपी इस फैसले को तुरंत रद करने की मांग करती है।

जुलाई में परीक्षा के फैसले का भी चल रहा विरोध

एमडीयू प्रशासन ने जुलाई में परीक्षाओं के लिए समय तय किया है। विद्यार्थी संगठन परीक्षा कराने को लेकर भी विरोध जता रहे हैं। विभिन्न विद्यार्थी संगठनों ने कोविड-19 की वजह से बगैर परीक्षाएं लिए ओवरऑल एसेसमेंट व अन्य प्रक्रिया के जरिए अगली कक्षा में प्रमोट की मांग की है।


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