स्कूलों में न रोड सेफ्टी क्लब का गठन हुआ न शिक्षा विभाग तक पहुंचा डाटा
जागरण संवाददाता, रोहतक : रोहतक के स्कूल मुखिया न केवल शिक्षा विभाग बल्कि उच्चतम न्यायालय के
जागरण संवाददाता, रोहतक : रोहतक के स्कूल मुखिया न केवल शिक्षा विभाग बल्कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लेकर भी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। यही कारण है कि न्यायालय की हिदायतों के बावजूद भी अब तक सभी स्कूलों ने रोड सेफ्टी क्लबों का गठन तक नहीं किया है। निदेशालय की ओर से 29 जनवरी तक क्लबों के गठन का समय निर्धारित किया गया था लेकिन अब तक भी अनेक स्कूलों में क्लब गठित नहीं किए गए हैं। हालांकि अनेक स्कूल मुखिया क्लब गठित करने का दावा भी कर रहे हैं लेकिन विभाग के पास इसका डाटा नहीं पहुंचाया है।
बता दें कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से तमाम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में रोड सेफ्टी क्लबों का गठन किए जाने की हिदायत दी गई थी। प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों की रोकथाम के लिए इन क्लबों का गठन किया जाना है। ताकि इन क्लबों के सदस्य लोगों को रोड सेफ्टी के प्रति जागरूक कर सकें। लेकिन अभी तक भी अनेक स्कूल ऐसे हैं जिनमें इन क्लबों का गठन नहीं किया गया है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इन निर्देशों की पालना न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती हैं।
स्कूलों ने किया रोड सेफ्टी क्लब के गठन का दावा
उधर, शिक्षा विभाग के पास अभी तक रोड सेफ्टी क्लबों के गठन का डाटा ही तैयार नहीं है। विभाग का तर्क है कि इसके तहत स्कूलों की ओर से गूगल फोर्म में पंजीकरण करना है। साथ ही विभाग ने जिला स्तर पर उनसे इसका डाटा भी मांगा है। उधर, कई स्कूलों ने रोड सेफ्टी क्लब के गठन का दावा भी किया है।
रोहतक में कुल सरकारी स्कूल : 409
वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय : 117
राजकीय उच्च विद्यालय : 45
राजकीय माध्यमिक विद्यालय : 36
राजकीय प्राथमिक विद्यालय : 211
ये होंगे क्लब में शामिल :
विभागीय अधिकारियों के अनुसार तमाम स्कूलों में गठित किए जाने वाले रोड सेफ्टी क्लबों में स्कूल प्राचार्य, प्राध्यापक, खेल कोच, महिला शिक्षक व विद्यार्थियों को इसमें शामिल किया जाएगा। क्लब के सदस्य रोड सेफ्टी को लेकर न केवल योजना बनाएंगे बल्कि लोगों को इसके प्रति जागरूक भी करने का काम करेंगे। क्लब में करीब आधा दर्जन सदस्य होंगे।
स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब के गठन का डाटा तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए जिला के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर डाटा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं जो स्कूल यह क्लब गठित नहीं करेंगे उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करना विभाग की जिम्मेदारी है। साथ ही यह सड़क सुरक्षा से जुड़ा मामला है।
- सुनीता रूहिल, जिला शिक्षा अधिकारी रोहतक ।