नताशा नरवाल ने दी विज्ञानी पिता की चिता को मुखाग्नि
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त वरिष्ठ विज्ञानी डा. महावीर नरवाल की चिता को उनकी बेटी नताशा नरवाल ने मुखाग्निी दी। नताशा दिल्ली में सीएए यानी सिटीजनशिप एमेंडमेंड एक्ट के विरोध में चल रहे धरने पर हिसा के मामले में आरोपित है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त वरिष्ठ विज्ञानी डा. महावीर नरवाल की चिता को उनकी बेटी नताशा नरवाल ने मुखाग्निी दी। नताशा दिल्ली में सीएए यानी सिटीजनशिप एमेंडमेंड एक्ट के विरोध में चल रहे धरने पर हिसा के मामले में आरोपित है। इसी केस में जेल में बंद थी, जिसे सोमवार को ही दिल्ली में अदालत ने तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। विज्ञानी महावीर नरवाल का कोरोना प्रोटोकाल के तहत वैश्य श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया गया। हरियाणा विज्ञान मंच, भारत ज्ञान-विज्ञान समिति के अलावा अन्य राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने पुष्प अर्पित कर डा. महावीर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
डा. महावीर नरवाल हिसार स्थित एचएयू में वरिष्ठ विज्ञानी थे। विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त होने के बाद वे हरियाणा विज्ञान मंच और भारत ज्ञान-विज्ञान समिति के अध्यक्ष बने। उन्होंने समितियों से जुड़ने के बाद कई आंदेालन चलाए। कुछ समय पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे। हालत बिगड़ने लगी तो अस्पताल में भर्ती होना चाहा, लेकिन बेड खाली नहीं मिले। बाद में उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालात गंभीर होने के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया। रविवार को उनका निधन हो गया। डा. महावीर नरवाल का बेटा भी कोरोना संक्रमित है। बेटी नताशा जेएनयू से सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज में पीएचडी कर रही है। दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर सीएए के विरोध में प्रदर्शन के मामले में 23 मई 2020 को नताशा नरवाल और उसके साथ देवांगना कलीता को गिरफ्तार कर लिया था। इसी दिन से वह जेल में बंद थी। नताशा जेएनयू में पिजरा तोड़ अभियान से भी जुड़ी हुई है। पिता के अंतिम संस्कार को लेकर दिल्ली जेल से सोमवार को नताशा को अंतरिम जमानत मिली। मंगलवार को नताशा ने ही अपने पिता की चिता को मुखाग्निी दी। मुट्ठी बंद कर दी पिता को सलामी
नताशा ने वैश्य श्मशानघाट में मुट्ठी बंद कर अपने पिता डा. महावीर नरवाल को सलामी दी। पीपीई किट में नताशा श्मशानघाट में पहुंची। उसके पिता के शव को एंबुलेंस में कोरोना प्रोटोकाल के तहत ले जाया गया। श्मशानघाट से पहले जहां से एंबुलेंस गुजरी, वहां सड़क के दोनों तरफ विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि पुष्प लेकर खड़े थे। उन्होंने पुष्प अर्पित कर डा. महावीर नरवाल को श्रद्धांजलि अर्पित की। अंतिम संस्कार के बाद दो मिनट का मौन रखा और उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से कामना की।