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बिना ट्रेड लाइसेंस के शहर में चल रहे 100 से अधिक होटल

जागरण संवाददाता रोहतक शहर के होटल में वेश्यावृति का मामला सामने आने के बाद एक बार फि

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 08:20 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 08:20 PM (IST)
बिना ट्रेड लाइसेंस के शहर में चल रहे 100 से अधिक होटल
बिना ट्रेड लाइसेंस के शहर में चल रहे 100 से अधिक होटल

जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर के होटल में वेश्यावृति का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से होटलों में चल रही गतिविधियां सवालों के घेरे में है। खास बात यह है कि शहर में चल रहे करीब 250 होटल और बैंक्वेटहॉल में से मात्र 150 ही नगर निगम के पास रजिस्ट्रड है। बाकी होटल और बैंक्वेटहॉल का पुलिस या नगर निगम के पास भी कोई रिकार्ड नहीं है।

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दरअसल, शहर में पिछले कुछ समय से होटलों की संख्या में एकाएक इजाफा हुआ है। इसमें सबसे अधिक होटल डी-पार्क के नजदीक, सोनीपत रोड और मॉडल टाउन एरिया में आते हैं। खास बात यह है कि होटल या बैंकेट हॉल के लिए नगर निगम की तरफ से ट्रेड लाइसेंस दिया जाता है, लेकिन निगम के आंकड़ों पर नजर डालें तो उन्होंने करीब 150 ट्रेड लाइसेंस ही जारी किए हैं। जबकि शहर में होटल और बैंकेट हॉल की संख्या देखें तो करीब 250 के आसपास है। ऐसे में करीब 100 होटल और बैंकेट हॉल बिना मानकों के चल रहे हैं। होटलों में कौन आ रहा है और कौन जा रहा है इसका भी कोई रिकार्ड नहीं रखा जाता। हालांकि समय-समय पर पुलिस की तरफ से होटलों में छापेमारी होती है, लेकिन एक-दो दिन के बाद माहौल सामान्य होने पर फिर से अवैध धंधे शुरू कर दिए जाते हैं।

शुक्रवार को भी पुलिस ने डी-पार्क के नजदीक एक होटल पर छापेमारी कर वहां से वेश्यावृति के धंधे का खुलासा किया था। इससे पहले भी कई बार होटल में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। युवक-युवती ने होटल में की थी आत्महत्या, गलत आइडी पर लिया था कमरा

डी-पार्क के नजदीक पिछले साल एक होटल में युवक-युवती ने कमरा लिया था। जिसके बाद युवक ने पहले युवती को चाकू से गोदा और फिर खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस प्रकरण के बाद जब होटल से युवक-युवती की आइडी जुटाई गई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। दरअसल, युवती ने अपनी आइडी न देकर अपने सहेली की आइडी दे रखी थी। हैरानी की बात यह है कि होटल संचालकों ने आइडी पर लगे फोटो का युवती से कोई मिलान नहीं किया और गलत आइडी पर ही कमरा दे दिया था। कैफों पर चलता है केबिन सिस्टम

शहर के होटल और बैंकेट हॉल के अलावा करीब 120 कैफे भी संचालित हैं। कुछ कैफे संचालकों ने केबिन सिस्टम भी बनाया हुआ है, जो नियमों के विरूद्ध है। ऐसे में युवाओं को 100 से 200 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से केबिन दिए जाते हैं। होटलों में समय-समय पर छापेमारी की जाती है। उच्च अधिकारियों की तरफ से इसके लिए स्पष्ट निर्देश हैं कि होटलों में कोई गलत काम न होने दिया जाए। इसके लिए अलग से टीम भी बनाई गई है।

- नारायण चंद, डीएसपी


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