दिग्गजों के साथ प्रत्याशियों को अपने दम पर भरना होगा वोटरों में जोश, तभी चलेगी जीत की लहर
रोहतक निकाय चुनाव पूरे जोर पर है। शुक्रवार की शाम से प्रचार अभियान भी थम जाएगा। मेयर पद के कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। दिग्गज प्रत्याशियों के लिए जीतना साख का सवाल बन गया है।
अरुण शर्मा, रोहतक
निकाय चुनाव पूरे जोर पर है। शुक्रवार की शाम से प्रचार अभियान भी थम जाएगा। मेयर पद के कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। दिग्गज प्रत्याशियों के लिए जीतना साख का सवाल बन गया है। कई युवा प्रत्याशी भविष्य की राजनीति का सपना संजोए बैठे हैं। यही वजह है कि दिग्गजों की तर्ज पर ही प्रचार अभियान कर रहे हैं। दिग्गज प्रत्याशियों की बात करें तो वह अपनी ताकत के साथ ही चुनौतियों से भी वाकिफ हैं। पहली बार सीधे मेयर पद का चुनाव होना भी मुकाबले को दिलचस्प बना रहा है। आउटर कालोनियों के वोटरों पर सभी की निगाहें
आउटर कालोनियों के साथ ही सेक्टरों के वोटरों पर सभी मेयर पद के प्रत्याशियों की निगाहें हैं। यही कारण है कि भाजपा, कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी हों या फिर माकपा, इनेलो व दूसरे सभी प्रत्याशी आउटर में ज्यादा पसीना बहा रहे हैं। प्रचार अभियान की शुरूआत भी आउटर के वार्डों से शुरू की गई। नोटा के बजाय सीधे वोट करने की प्रत्याशी कर रहे अपील
तीन राज्यों के चुनाव परिणामों का निकाय चुनाव में असर भविष्य में ही तय होगा। हालांकि तीनों राज्यों के चुनाव परिणाम और नोटा को लेकर आ रही चौंकाने वाले परिणामों को देखते हुए प्रत्याशी सतर्क हो गए हैं। वोटरों से नोटा के बजाय सीधे वोट डालने के लिए अपील की जा रही हैं, ताकि नोटा का कम उपयोग हो सके। नए प्रत्याशी तलाश रहे राजनीतिक भविष्य
इस दफा चुनाव में कई नए व युवा चेहरे हैं। माना जा रहा है कि युवा चेहरे 2019 में प्रस्तावित लोकसभा व विधानसभा को लेकर भविष्य तलाश रहे हैं। यही कारण है कि नए प्रत्याशी पूरे दमखम से मैदान में उतर गए हैं। प्रचार में पूरी तल्लीनता से जुटे हुए हैं। हालांकि इनकी मेहनत का परिणाम 19 दिसंबर को दिखेगा। यह है निकाय चुनाव में मेयर पद के प्रत्याशियों की स्थिति ::
1. मनमोहन गोयल, प्रत्याशी, भाजपा
ताकत : सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशी, पूर्व मंत्री स्वर्गीय सेठ किशनदास के राजनीतिक वारिस, कई संस्थाओं से जुड़े, उद्योगपतियों व व्यापारियों के बीच पकड़ मानी जाती है।
प्रचार की शैली : कई मंत्री प्रचार में साथ, शहर में हुए विकास कार्यों को जन-जन पहुंचा रहे। गोयल भी बेहतर विकास कार्य कराने का कर रहे वादा।
चुनौती : भाजपा में मेयर व पार्षद पदों की टिकट के दावेदार रहे दिग्गजों को मनाना, आउटर कालोनियों के वोटरों को अपनी तरफ खींचना।
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2. सीताराम सचदेवा, प्रत्याशी, कांग्रेस समर्थित
ताकत : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा का आशीर्वाद, नगर सुधार मंडल के चेयरमैन रहे यानि राजनीतिक अनुभव, शहरी और आउटर कालोनियों में पकड़ मानी जा रही।
प्रचार की शैली : कई कांग्रेसी दिग्गज प्रचार में साथ, भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रामक रवैया, कांग्रेस राज में हुए विकास कार्यों को गिना रहे।
चुनौती : कांग्रेस विरोधी वोटरों को अपनी तरफ खींचना, तंवर गुट का विरोध।
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3. संचित नांदल, प्रत्याशी, इनेलो
ताकत : युवा चेहरा, राजनीतिक परिवार, राजनीतिक मामलों की गहरी समझ।
प्रचार की शैली : नेता प्रतिपक्ष अभय ¨सह चौटाला सहित दिग्गज प्रचार में आए, आक्रामक रवैया, दस ¨बदुओं के विजन लेकर जनता के बीच पहुंच रहे।
चुनौती : इनेलो में कलह के बाद पहला चुनाव, आउटर में पकड़, शहरी वोटरों के बीच समान पकड़ बनाना।
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4. जगमति सांगवान, प्रत्याशी, माकपा
ताकत : मजदूर, किसानों, महिलाओं के हकों की आवाज उठाने के चलते लोकप्रिय, लंबे समय तक कड़ा संघर्ष, महिला प्रत्याशी बतौर बड़ा चेहरा माना जा रहा।
प्रचार की शैली : राज्य सरकार के खिलाफ सीधा मोर्चा खोला, प्रचार में परंपरागत तरीका, नुक्कड़ सभाएं ज्यादा, भ्रष्टाचारमुक्त नगर निगम का नारा।
चुनौती : दिग्गज प्रत्याशियों से सीधा मुकाबला, अपनी छवि के अनुकूल वोटरों को अपनी तरफ खींचना, माकपा की राजनीतिक जमीन तैयार करना।
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5. हेमंत बख्शी, प्रत्याशी, निर्दलीय
ताकत : युवा व्यापारी, युवाओं के बीच लोकप्रिय माने जाते हैं, भविष्य की राजनीतिक जमीन तलाश रहे।
प्रचार की शैली : बड़े प्रत्याशियों की तर्ज पर ही प्रचार, शहरी क्षेत्र में विकास कार्यों में खामियां बताकर वोटरों के बीच पहुंच रहे।
चुनौती : युवाओं व शहरी मतदाताओं को अपने पक्ष में करना। मेयर पद के यह भी प्रत्याशी हैं मैदान में
अंशू, अनिल कुमार भाटिया, अरविंद, नरेश, पवन, पूर्ण ¨सह, सूरज रसवंत