परीक्षा नियंत्रक ने बीडीएस छात्रा को पास करने के लिए की गलत डिमांड
हेल्थ यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक पर बीडीएस की छात्रा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा ने फेसबुक चैटिंग की डिटेल भी पुलिस को सौंपी है।
रोहतक [विनीत तोमर]। पंडित भगवत दयाल शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक पर बीडीएस की एक छात्रा ने यौन उत्पीड़न के आरोप में गुरुग्राम में केस दर्ज करवाया है। आरोप है कि परीक्षा नियंत्रक ने पहले फेसबुक फ्रेंड बन छात्रा को झांसे में लिया। इसके बाद पास कराने के नाम पर उससे गलत डिमांड की गई। लड़की ने फेसबुक चैटिंग की डिटेल भी पुलिस को दी है। पीड़िता की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजी गई है।
पुलिस को दी शिकायत में गुरुग्राम की रहने वाली छात्रा ने बताया कि उसने वर्ष 2010 में हेल्थ यूनिवर्सिटी में बीडीएस में एडमिशन लिया था। आरोप है कि वर्ष 2012 में फेसबुक पर परीक्षा नियंत्रक संजय कुमार की तरफ से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई, जिसे उसने स्वीकार कर लिया। छात्रा ने इस बारे में अन्य छात्राओं को भी बताया। इसका पता चलते ही परीक्षा नियंत्रक ने उसे अनफ्रेंड कर दिया।
इसके बाद सितंबर 2015 में छात्रा के पिता के फोन पर कॉल की गई। फोन करने वाली एक महिला ने बताया कि परीक्षा नियंत्रक आपसे बात करना चाहते हैं। छात्रा के पिता को परीक्षा नियंत्रक ने बताया आपकी बेटी के फार्म में गड़बड़ है। यूनिवर्सिटी में आकर उसे ठीक करा लो। इसके बाद छात्रा अपने माता-पिता को लेकर यूनिवर्सिटी पहुंची।
बाद में पता चला कि यदि फार्म में गड़बड़ होती तो यूनिवर्सिटी रोल नंबर ही जारी नहीं करती और न ही पेपर में बैठने दिया जाता। एक सप्ताह बाद परीक्षा नियंत्रक ने फिर से फोन कर छात्रा को बुला लिया। छात्रा को बताया गया कि आपने पेपर अच्छे नहीं दिए हैं और दो पेपर में रि-अपीयर है।
छात्रा का आरोप है कि डिटेल देने के बाद परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि मैं आपका काम करा दूंगा, लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा। बार-बार इस तरह की डिमांड पर छात्रा ने अपने परिजनों को जानकारी दी। छात्रा की शिकायत पर गुरुग्राम के राजेंद्र पार्क थाने में धारा 354-डी (छेड़छाड़) के तहत केस दर्ज हुआ है।
छात्रा और परीक्षा नियंत्रक के बीच हुई चैटिंग
छात्रा : सर, मैने तो पेपर अच्छे दिए थे, किस विषय में रि आई है।
परीक्षा नियंत्रक : दो पेपर अच्छे नहीं थे।
छात्रा : ओ माई गॉड, अब तो कुछ नहीं हो सकता है ना।
परीक्षा नियंत्रक : बताओ क्या करना है।
छात्रा : आप कुछ कर सकते हो?
परीक्षा नियंत्रक : क्या कुछ।
छात्रा : क्या आप पास करा सकते हो?
परीक्षा नियंत्रक : यस।
छात्रा : कैसे?
परीक्षा नियंत्रक : वाट यू एक्सपेक्ट फ्रॉम मी।
छात्रा : आपको क्या चाहिए, आई मीन पैसा?
परीक्षा नियंत्रक : तुम बताओ।
छात्रा : आप बोलो सर?
परीक्षा नियंत्रक : नहीं पैसा नहीं, तुम पागल हो।
छात्रा : फिर तो कुछ नहीं है आपको देने के लिए, क्या चाहिए आपको?
परीक्षा नियंत्रक : सब क्या बताऊं, तुम ही बताओ।
छात्रा : मैं समझी नहीं सर फिर आपको क्या चाहिए?
परीक्षा नियंत्रक : केन यू टॉक ऑन फोन।
नोट : फेसबुक पर हुई चैटिंग में यह सबूत छात्रा की तरफ से पुलिस को सौंपे गए हैं। इसके अलावा फोन पर भी बात हुई है।
एक पेपर में किया जा रहा फेल
छात्रा का आरोप है कि उसका चार साल का कोर्स था, लेकिन इसी मामले के कारण उसे बार-बार एक पेपर में फेल किया जा रहा है। रिजल्ट आने के बाद आरटीआइ लगाकर उत्तर पुस्तिका की हार्ड कॉपी निकलवाई तो उसमें पता चला कि नौ अंकों का तीन बनाया गया था। इसके अलावा भी नंबरों में फेरबदल किया गया था।
नहीं मिला न्याय तो करूंगा सीबीआइ जांच की मांग
पीड़िता के पिता का कहना है कि रोहतक में इसीलिए केस दर्ज नहीं कराया गया क्योंकि परीक्षा नियंत्रक के प्रभाव में मामले को दबाया जा सकता है। उनका कहना है कि इस तरह की डिमांड से उसकी बेटी मानसिक रूप से परेशान हो चुकी है। उसकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। जरूरत पड़ी तो सीबीआइ जांच की भी मांग करूंगा।
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