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Mann ki baat 100th Episode: 100 करोड़ लोगों ने कम से कम एक बार सुना PM मोदी का कार्यक्रम: IIM रोहतक का सर्वे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोग्राम मन की बात पर एक बड़ा सर्वे हुआ है। इस सर्वे को करने वाला हरियाणा के रोहतक जिले का आईआईएम है। इस सर्वे के अनुसार 96 प्रतिशत लोगों ने इस कार्यक्रम के बारे में कम से कम एक बार तो जरूर सुना है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Mon, 24 Apr 2023 09:34 PM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2023 09:34 PM (IST)
Mann ki baat 100th Episode: 100 करोड़ लोगों ने कम से कम एक बार सुना PM मोदी का कार्यक्रम: IIM रोहतक का सर्वे
100 करोड़ लोगों ने कम से कम एक बार सुना PM मोदी का कार्यकर्म: IIM रोहतक का सर्व

नई दिल्ली/रोहतक, एएनआई । Mann ki baat 100th Episode: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो पर प्रसारित होने वाले प्रोग्राम मन की बात पर एक बड़ा सर्वे हुआ है। इस सर्वे को करने वाला हरियाणा के रोहतक जिले का आईआईएम है। इस सर्वे के अनुसार 96 प्रतिशत लोगों ने यानी की 100 करोड़ लोगों ने इस कार्यक्रम के बारे में कम से कम एक बार तो जरूर सुना है।

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प्रसार भारती और IIM द्वारा कराए गए एक विस्तृत अध्ययन में यह आंकड़े सामने आए हैं। इस अध्ययन के रिजल्ट को प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी और आईआईएम रोहतक के निदेशक धीरज पी. शर्मा द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस में सबके सामने पेश किया गया।

23 करोड़ लोग नियमित रूप से देखते हैं मन की बात

शर्मा ने अध्ययन के निष्कर्षों के बारे में बात करते हुए आगे कहा कि 23 करोड़ लोग नियमित रूप से कार्यक्रम सुनते हैं जबकि 41 करोड़ लोग कभी-कभी दर्शकों का गठन करते हैं जो नियमित दर्शकों में परिवर्तित होने की गुंजाइश रखते हैं।

कार्यक्रम भावनात्मक संबंध स्थापित करता है

सर्वे के अनुसार, पीएम के रेडियो कार्यक्रम की लोकप्रियता के पीछे प्रमुख कारण यह है कि यह दर्शकों के साथ भावनात्मक संबंध स्थापित करता है। यह निर्णायक और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण रखता है। नागरिकों के साथ सीधे जुड़ता है और मार्गदर्शन भी देता है। यही वजह है कि यह कार्यक्रम इतना लोकप्रिय है।

देश प्रगति कर रहा है 

मन की बात के पिछले 99 एपिसोड में लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने की कोशिश की गई है। उनमें कहा गया है कि अधिकांश श्रोता सरकार कैसे काम करती है इसको लेकर जागरूक हो गए हैं और 73 प्रतिशत आशावादी हैं और वह ये महसूस करते हैं कि देश प्रगति करेगा।

लोगों के रहन-सहन में आया सुधार 

58 प्रतिशत श्रोताओं ने कहा कि उनके रहन-सहन की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, जबकि 59 प्रतिशत लोगों ने सरकार में विश्वास बढ़ने की सूचना दी है। सरकार के प्रति आम भावना का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सर्वेक्षण के अनुसार 63 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि सरकार के प्रति उनका दृष्टिकोण सकारात्मक हो गया है और 60 प्रतिशत ने राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने में रुचि दिखाई है।

टीवी और मोबाइल पर देखते है मन की बात 

अध्ययन तीन प्लेटफार्मों में दर्शकों को वितरित करता है, जिसमें 44.7 प्रतिशत लोग इस कार्यक्रम को टीवी पर देखते हैं जबकि 37.6 प्रतिशत इसे मोबाइल पर देखते हैं। इस कार्यक्रम को सुनने की तुलना में लोग देखना ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि 19 से 34 वर्ष के बीच के 62 प्रतिशत लोगों इसे टीवी पर देखना पसंद किया।

हिंदी मन की बात के दर्शकों का एक बड़ा हिस्सा है, 65 प्रतिशत दर्शक इसे किसी भी अन्य भाषा की तुलना में हिंदी में देखना पसंद करते हैं, जबकि अंग्रेजी के दर्शक 18 प्रतिशत है।

मन की बात देखने वालों की प्रोफाइल के बारे में बात करते हुए, निदेशक धीरज शर्मा ने बताया कि इस अध्ययन के लिए कुल 10003 मतदान किया गया था, जिसमें 60 प्रतिशत पुरुष थे जबकि 40 प्रतिशत महिलाएं थीं। यह आबादी 68 व्यावसायिक क्षेत्रों में फैली हुई है, जिसमें 64 प्रतिशत अनौपचारिक और स्वनियोजित क्षेत्र से थे, जबकि छात्रों ने अध्ययन किए गए दर्शकों का 23 प्रतिशत हिस्सा था।

देश के हर कोने से डेटा इकठ्ठा किया गया 

शर्मा ने आगे कहा की स्नोबॉल सैंपलिंग का उपयोग करके भारत के उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम क्षेत्रों से प्रति क्षेत्र लगभग 2500 प्रतिक्रियाओं के साथ साइकोमेट्रिक रूप से शुद्ध सर्वेक्षण उपकरण के माध्यम से डेटा एकत्र किया गया था।

इन भाषाओं और बोलियों में प्रसारित होता है कार्यक्रम 

गौरव द्विवेदी ने श्रोताओं को बताया कि मन की बात 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा अंग्रेजी, फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली को छोड़कर 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित किया जाता है। उन्होंने कहा कि मन की बात का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों द्वारा किया जा रहा है।

3 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था मन की बात

द्विवेदी ने आगे बताया कि सर्वेक्षण का कार्य 18 अप्रैल, 2022 को आईआईएम रोहतक को सौंपा गया। आकाशवाणी पर लोकप्रिय कार्यक्रम, प्रधानमंत्री के मन की बात 3 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था और पूरे आकाशवाणी और डीडी नेटवर्क पर हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित किया जाता है।


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