विपरीत परिस्थितियों में गुरु ज्ञान लगाता है नैया पार : महंत बाबा बालकनाथ
महंत चांदनाथ की पुण्यतिथि पर बाबा मस्तनाथ मठ में श्रद्धांजलि कार्यक्रम हुआ। संतों समाजसेवी नेताओं व अन्य ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
जागरण संवाददाता, रोहतक : महंत चांदनाथ की पुण्यतिथि पर बाबा मस्तनाथ मठ में श्रद्धांजलि कार्यक्रम हुआ। संतों, समाजसेवी, नेताओं व अन्य ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। मठ के महंत व अलवर के सांसद महंत बालकनाथ ने कहा कि गुरु के बताए मार्ग पर चलने से संकट नहीं आता। गुरु का दूसरा नाम पार लगाना है। गुरुओं के वचनों का सम्मान कर जीवन में अपनाना चाहिए। विपरीत परिस्थितियों में भी गुरु ज्ञान नैय्या पार लगाता है।
पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा कि महंत चांदनाथ की पूर्ति नहीं की जा सकती। उनका जीवन सभी के लिए आदर्श है। राष्ट्र को उनके मार्गदर्शन की कमी महसूस होती रहेगी। विधायक बीबी बतरा ने कहा कि महंत चांदनाथ महान संत एवं शिक्षाविद् थे। भले वह हमारे बीच नहीं है लेकिन, उनके विचार हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। महंत चांदनाथ के जीवन पर एक डॉक्यूमेंटरी दिखाई गई। जिसमें उनकी ओर से कराए गए कीर्तन-भजन कार्यक्रम के बारे में बताया गया। मेयर मनमोहन गोयल ने कहा कि अपने जीवन काल में महंत चांदनाथ ने मस्तनाथ संस्थान को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाया। मठ का निर्माण अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर शुरू कराया।
इस मौके पर जनसेवा संस्थान के संरक्षक डा. परमानंद, समाजसेवी राजेश जैन, मेयर मनमोहन गोयल, कुलपति, प्रो. रामसजन पांडेय, प्रो. सतीश चंद्र शर्मा, अंजना राव आदि मौजूद रहे।